आज महान ग्रंथ ‘श्री रामचरितमानस’ के रचयिता व हिंदी साहित्य के संत कवि गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन ! तुलसीदास की इस रचना ने उन्हें अमर बना दिया I
रामचरितमानस में तुलसीदास ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन का वर्णन किया है तुलसीदास जी ने कवितावली ,दोहावली ,गीतावली ,पार्वतीमंगल,रामलला नाछू , हनुमान चालीसा ,विनयपत्रिका,आदि कई गीतों की रचना की I
आज भी उनके दोहे बहुत लोकप्रिय है ,उनकी कविताएँ लोगों को सामाजिक सीख देती है उनके दोहे को लोग आज भी बोलते है I तुलसीदास ने रामचरितमानस में 12 ग्रन्थों की रचना की थीI
कब और कहा हुआ तुलसीदास का जन्म पढ़ें पूरी खबर
इस साल तुलसीदास जी का 526 वां जन्मदिन मनाया जा रहा है I कहा जाता है तुलसीदास जी का जन्म उत्तर- परदेश के चित्रकूट में हुआ संवत 1554 की शुक्ल सप्तमी के दिन हुआ था I उनके पिता का नाम आत्माराम दुबे तथा माता का नाम हुलसी देवी था I
तुलसीदास जी एक बैरागी थे I तुलसीदास ने अपना अधिकांश जीवन वाराणसी शहर में बिताया। वाराणसी में गंगा नदी पर प्रसिद्ध तुलसी घाट का नाम उन्हीं के नाम पर रखा गया है। तुलसीदास द्वारा लिखा गया महाकाव्य श्रीरामचरितमानस को विश्व के 100 सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय काव्यों में 46वां स्थान प्राप्त है।
तुलसीदास जी अपनी पत्नी से बहुत प्रेम करते थे। शादी के बाद तुलसीदास जी की पत्नी एक बार मायके चली गई। पत्नी की याद में तुलसीदास भी उनके पीछे उफनती नदी को पार कर उनके घर गए। तब उनकी पत्नी ने उन्हें ताना देते हुए कहा कि आप जितना प्रेम मुझसे करते हैं, उतना भगवान श्रीराम से करते तो आपको मोक्ष की प्राप्ति होती। पत्नी की बात सुनते ही तुलसीदास जी का अंतर्मन जाग उठा। फिर उन्होंने अपना सारा जीवन श्रीराम की भक्ति में व्यतीत किया।