Tokyo Olympics:भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाने वाले नीरज चौपड़ा की जानिए कहानी,कैसे हुआ भाला फेंक से लगाव,पढ़िए खबर

08 Aug, 2021
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भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले भारत के पहले खिलाड़ी बन गए हैं. उन्होंने 87.58 मीटर जैवलिन थ्रो (भाला फेंक) के साथ भारत की झोली में पहला गोल्ड मेडल डाल दिया. नीरज ने अपने पहले प्रयास में 87.03 मीटर, दूसरे में 87.58 और तीसरे प्रयास में 76.79 मीटर जैवलिन फेंका.भारत के लाल नीरज चौपड़ा को गोल्ड मेडल मिलते ही समूचे भारत में खुशी की लहर दौड़ गई .प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत पूरे भारत ने नीरज चोपड़ा को बधाई दिया. हरियाणा सरकार के मंत्री अनिल विज तो खुशी से झूम उठे। वही नीरज चौपड़ा को मेडल मिलने की ख़ुशी में हरियाणा CM मनोहर लाल खट्टर ने क्लास-1 और 6 करोड़ रुपये का ऐलान कर दिया। साथ ही पंजाब सरकार व BCCI ने 1 करोड़ तथा 2 करोड़ का ऐलान किया। बता दें कि नीरज चोपड़ा से पहले रेसलर बजरंग पुनिया ने कांस्य पदक जीता है। इसी के साथ भारत ने सात मेडल जीत लिए हैं।नीरज चोपड़ा एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले पहले इंडियन जैवलिन थ्रोअर हैं।इसके अलावा एक ही साल में एशियन गेम और कॉमनवेल्थ गेम में गोल्ड मेडल हासिल करने वाले नीरज चोपड़ा दूसरे खिलाड़ी हैं। इसके पहले साल 1958 में मिल्खा सिंह द्वारा यह रिकॉर्ड बनाया गया था।

 नीरज चोपड़ा अपने घर के लिए आजीविका का साधन बन गये हैं, आइये इनके जीवन के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं.

23 वर्षीय भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा का जन्म सन 1997 में 24 दिसंबर को भारत देश के हरियाणा राज्य के पानीपत शहर में हुआ था। नीरज चोपड़ा के पिता का नाम सतीश कुमार है और इनकी माता का नाम सरोज देवी है। नीरज चोपड़ा की दो बहने भी हैं। भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा के पिता जी हरियाणा राज्य के पानीपत जिले के एक छोटे से गांव खंडरा के किसान हैं, जबकि इनकी माताजी हाउसवाइफ है। नीरज चोपड़ा के कुल 5 भाई बहन हैं, जिनमें से यह सबसे बड़े हैं। इनकी प्रारंभिक पढ़ाई हरियाणा से ही हुई है.प्रारंभिक पढ़ाई के बाद नीरज चोपड़ा ने बीबीए कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थीनीरज चोपड़ा, भारतीय सेना में 4 राजपूताना राइफल्स में सूबेदार के पद पे  हैं, 

ऐसे हुआ था नीरज चौपड़ा भाला फेंक से लगाव

खबरों के मुताबिक नीरज चोपड़ा के चाचा उन्हें गांव से 15 किलोमीटर दूर पानीपत स्थित शिवाजी स्टेडियम लेकर गए थे दरअसल नीरज बचपन में काफी मोटे थे और परिवार के दबाव में वजन कम करने के लिए वह खेलों से जुड़े। नीरज को दौड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं थी और जब उन्होंने स्टेडियम में कुछ खिलाड़ियों को भाला फेंक का अभ्यास करते देखा तो उन्हें इस खेल से प्यार हो गया।उन्होंने इसमें हाथ आजमाने का फैसला किया और अब वह एथलेटिक्स में देश के सबसे बड़े खिलाड़ियों में से एक बन गए हैं।

ख़बरों के मुताबिक वर्तमान के समय में नीरज चोपड़ा जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स टीम में शामिल है। इन्हे स्पोर्ट्स ड्रिंक की फेमस कंपनी गोटोरेड के द्वारा ब्रांड एंबेसडर के तौर पर सिलेक्ट किया गया है। नीरज चोपड़ा की कुल संपत्ति की बात की जाए तो इनकी कुल संपत्ति 5 मिलियन डॉलर के आसपास है।नीरज चोपड़ा की सैलरी के बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है, हालांकि इनकी विभिन्न पुरस्कारों से काफी अच्छी इनकम हो जाती है।

नीरज चोपड़ा करियर भाला फेंक एथलीट

नीरज चोपड़ा ने सिर्फ 11 साल की उम्र में ही भाला फेंकना प्रारंभ कर दिया था। नीरज चोपड़ा ने अपनी ट्रेनिंग को और भी ज्यादा मजबूत बनाने के लिए साल 2016 में एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया जो इनके लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ। नीरज चोपड़ा ने साल 2014 में अपने लिए एक भाला खरीदा था, जो ₹7000 का था। इसके बाद नीरज चोपड़ा ने इंटरनेशनल लेवल पर खेलने के लिए ₹1,00000 का भाला खरीदा था। नीरज चोपड़ा ने साल 2017 में एशियाई चैंपियनशिप में 50.23 मीटर की दूरी तक भाला फेंक कर मैच को जीता था। इसी साल उन्होंने आईएएएफ डायमंड लीग इवेंट में भी हिस्सा लिया था, जिसमें वह सातवें स्थान पर रहे थे। इसके बाद नीरज चोपड़ा ने अपने कोच के साथ काफी कठिन ट्रेनिंग चालू की और उसके बाद इन्होंने नए-नए कीर्तिमान स्थापित किए।इनके कोच का नाम उवे होन हैं जो कि जर्मनी देश के पेशेवर जैवलिन एथलीट रह चुके हैं। इनसे ट्रेनिंग लेने के बाद ही नीरज चोपड़ा इतना अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.

नीरज चोपड़ा को मिले हुए पुरस्कार
मैडल व पुरस्कार
2012
राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप गोल्ड मेडल
2013
राष्ट्रीय युवा चैंपियनशिप रजत पदक
2016
तीसरा विश्व जूनियर अवार्ड
2016
एशियाई जूनियर चैंपियनशिप रजत पदक
2017
एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप गोल्ड मेडल
2018
एशियाई खेल चैंपियनशिप स्वर्ण गौरव
2018
अर्जुन पुरस्कार

2021
एथलेटिक्स गोल्ड मेडल

नीरज चोपड़ा की इस जीत के साथ ही भारत के टोक्यो ओलंपिक में 7 पदक हो गए हैं और यह किसी एक ओलंपिक खेल में सबसे अधिक पदक लाने का भारत का नया रिकॉर्ड है.

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