नई दिल्ली: 27 जनवरी को पीएम मोदी ने लाखों छात्रों के साथ परीक्षा पर चर्चा की। पीएम मोदी से 20 लाख से ज्यादा लोगों ने सवाल पूछा लेकिन उन्होंने केवल आठ-दस सवालों को ही जबाव दिए। पीएम मोदी से परीक्षा से जुड़े तनाव, फिटनेस आदि मुद्दों पर सीधे सवाल पूछे गए। बता दें, इस बार 155 देशों के छात्रों ने अपने रजिस्ट्रेशन कराया था। इनमें सबसे ज्यादा छात्र भारतीय मूल के थे। इसमें 38.80 लाख से ज्यादा छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों ने रजिस्ट्रेशन कराए थे। पिछले साल करीब पंद्रह लाख लोगों ने ही रजिस्ट्रेशन किए थे। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
अपेक्षाएं सोशल स्टेटस के कारण करना गलत – पीएम मोदी

पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि परिवार के लोगों को बहुत अपेक्षाएं होना बहुत स्वाभाविक है और उसमें कोई गलत भी नहीं है, लेकिन अगर परिवार के लोग अपेक्षाएं सोशल स्टेटस के कारण कर रहे हैं तो वो चिंता का विषय है।
आलोचना करने वाले शख्स पर दे ध्यान – पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगो कहा कभी-कभी होता है कि आलोचना करने वाला कौन है ये महत्वपूर्ण होता है। जो अपना है वे कहता है तो आप उसे सकारात्मक लेते हैं, लेकिन जो आपको पसंद नहीं है वे कहता है तो आपको गुस्सा आता है। आलोचना करने वाले आदतन करते रहते हैं तो उसे एक बक्से में डाल दीजिए क्योंकि उनका इरादा कुछ और है।
क्षमता के अनुकूल चीजें खोजिए – पीएम मोदी

पीएम ने कहा एक बार आपने इस बात को स्वीकार कर लिया कि मेरी ये क्षमता है ये स्थिति है, तो मुझे इसके अनुकूल चीजें खोजनी होगी। ज्यादातर लोग सामान्य होते हैं, असाधारण लोग बहुत कम होते हैं। सामान्य लोग असामान्य काम करते हैं और जब सामान्य लोग असामान्य काम करते हैं तब वे ऊंचाई पर जाते हैं।
हमें स्मार्टली हार्डवर्क करना चाहिए – पीएम मोदी
मोदी ने छात्रों से कहा, “पहले काम को समझिए। हमें भी जिस चीज की जरूरत है उसी पर फोकस करना चाहिए। अगर मुझे कुछ अचीव करना है तो मुझे स्पेसिफिक एरिया पर फोकस करना होगा, तभी परिणाम मिलेगा। हमें स्मार्टली हार्डवर्क करना चाहिए, तभी अच्छे परिणाम मिलेंगे।
हमें इन दबावों से बचना चाहिए – पीएम मोदी
मोदी ने कहा कि हम राजनीति में कितने ही चुनाव क्यों न जीत लें, लेकिन ऐसा दवाब पैदा किया जाता है कि हमें हारना नहीं है। चारों तरफ से दबाव बनाया जाता है। क्या हमें इन दबावों से दबना चाहिए? अगर आप अपनी एक्टिविटी पर फोकस रहते हैं तो आप ऐसे संकट से बाहर आ जाएंगे। कभी भी दबावों के दबाव में न रहें।
नकल करने वाले छात्र जिंदगी कभी पार नहीं कर पाएगा – पीएम मोदी
पीएम ने कहा कि कुछ छात्र नकल करने के तरीके ढूंढने में तेज होते हैं। ऐसे छात्र छोटे-छोटे अक्षरों की पर्चा बनाते हैं। इसके बजाय ऐसे छात्रों को इस टैलेंट का इस्तेमाल सीखने में लगाना चाहिए। छात्र ये बात समझ कर चलें कि अब जिंदगी और जगत बहुत बदल चुका है। आज आपको डगर-डगर पर परीक्षा देनी है। इसलिए जो नकल करने वाला है वो एक-दो एग्जाम तो पार कर जाएगा, लेकिन जिंदगी कभी पार नहीं कर पाएगा।
कब की गई थी परीक्षा पर चर्चा की शुरुआत
साल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी, जिसमें पीएम मोदी देश के बच्चों, शिक्षकों और माता-पिता व अभिभावकों से रूबरू होते हैं।
2018 में पीएम मोदी को छात्रों को दी गई सबसे खास सलाह

2018 में पीएम मोदी से एक छात्र ने सवाल किया था कि परीक्षा के समय दोस्तों के साथ खेलने का मन करता है, ऐसी स्थिति में क्या करूं? इसी का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अगर आपको फोकस करना है तो पहली डी-फोकस करना सीख लीजिए। सबसे बड़ी समस्या है कि हम डी-फोकस करना नहीं जानते। डी-फोकस करना आपको फोकस के तनाव से मुक्ति दिलाता है। खेलने का शौक, गीत गाने का शौक है गाइए, सुनने का शौक है सुनिए, जो चीज आपको आनंद देती है वो करिए। जिस दोस्त से मिलने से खुशी मिलती है, उससे 10 मिनट मिल लीजिए। वो कहते हैं, ‘डी-फोकस किए बिना आप फोकस नहीं कर सकते। स्वयं को खुला छोड़िए, जो अच्छा लगता है उसे करिए। फोकस तब होता है, जब आप डी फोकस करना सीखते हैं। आपके बचपन की आदतें आपको डी फोकस करने में मददगार होती हैं।’
2019 में छात्रों को दी गई सबसे खास सलाह

2019 के कार्यक्रम में एक छात्र ने पीएम मोदी से पूछा कि आपको बिना थके हुए पूरे जोश के साथ लगातार काम करने की प्रेरणा कहां से मिलती है? प्रधानमंत्री ने इसका जवाब देते हुए कहा, ‘आपने परिवार में देखा होगा कि आप थक जाते होंगे, लेकिन मां कभी नहीं थकती। सब काम करते हुए भी वो नहीं थकती। मां के मन में भाव होता है कि परिवार मेरा है, सदस्य मेरे हैं, मैं नहीं करूंगी तो कौन करेगा? इस भावना से ऊर्जा अपने आप आ जाती है। इसलिए सवा सौ करोड़ देशवासी भी मेरा परिवार है।’
2020 में पीएम मोदी ने छात्रों को दी यह खास सलाह

2020 में बच्चों केअभिभावकों के लिए पीएम मोदी ने एक बहुत खास बात की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि सिर्फ परीक्षा के अंक ही जिंदगी नहीं हैं। कोई एक परीक्षा पूरी जिंदगी नहीं है। वो बस एक पड़ाव है। माता पिता से मैं खास प्रार्थना करूंगा कि आप बच्चों के लिए ये नहीं तो कुछ नहीं वाला मूड बना देते हैं, ऐसा बिल्कुल न करें। अच्छा हुआ तो बेहतर, नहीं हुआ तो दुनिया लुट नहीं जाती। सामने कई संभावनाएं हैं। परीक्षा का महत्व है, लेकिन वही जिंदगी है, इस सोच से बाहर आना चाहिए।
2021 में पीएम मोदी ने छात्रों को दी थी यह खास सलाह

2021 में पीएम मोदी ने छात्रों को खास सलाह देते हुए कहा था कि ‘इंवोल्व, इंटरनालाइज, एसोसिएट और विजुलाइज। मेमोरी को शार्प करने के लिए इस फोर्मुला पर आप चल सकते हैं। आपका मन अशांत रहेगाा, चिंता में रहेगा, तो इस बात की संभावना बहुत ज्यादा होगी कि जैसे ही आप प्रश्न पत्र देखेंगे, कुछ देर के लिए सबकुछ भूल जाएंगे। इसका सबसे अच्छा उपाय यही है कि आपको अपनी सारी टेंशन परीक्षा हॉल के बाहर छोड़कर जाना चाहिए।’
2022 में पीएम मोदी ने इस प्रकार किया था छात्रों को मोटिवेटिड
2022 में पीएम मोदी ने छात्रों को खास सलाह देते हुए कहा था कि खुद को जानना बहुत जरूरी है। उसमें भी कौन सी बातें हैं जो आपको निराश करती हैं, उन्हें जानकर अलग कर लें। फिर आप ये जाने लें कि कौन सी बातें आपको सहज रूप से प्रेरित करती हैं। आप स्वयं के विषय पर जरूर विश्लेषण कीजिए।
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