द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 75 अंकों की बढ़ोतरी के साथ निवेश धारणा प्रतिकूल साबित हुई है. बाजार के विश्लेषक बता रहे हैं कि फेड रिजर्व ने 1994 के बाद ब्याज दर में इतनी अधिक बढ़ोतरी की है.
नई दिल्ली: तहाशा बढ़ती महंगाई और उस पर लगाम लगाने की कोशिश के तहत कई देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में की जा रही बेतहाशा बढ़ोतरी ने आर्थिक विकास की गति धीमी कर दी है, जिससे शेयर बाजार, क्रिप्टोकरेंसी और अन्य जोखिम भरे निवेश से निवेशकों का भरोसा कम कर दिया है.
एशियाई बाजार टूटे
एशियाई बाजारों में शुक्रवार को चौतरफा बिकवाली का दबाव बना रहा. माना जाता है कि केंद्रीय बैंकों के सबसे प्रमुख कार्य महंगाई दर को काबू में रखना होता है. बाजार विश्लेषकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के समय महंगाई दर का बेहतर प्रबंधन करने वाले केंद्रीय बैंक मौजूदा आर्थिक परिदृश्य में लड़खड़ातती हुई दिख रही है और साथ ही उनकी घोषणायें निवेशकों के गले नहीं उतर पा रही है.
फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ इंग्लैंड ने बढ़ाई हैं ब्याज दरें
द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 75 अंकों की बढ़ोतरी के साथ निवेश धारणा प्रतिकूल साबित हुई है. बाजार के विश्लेषक बता रहे हैं कि फेड रिजर्व ने 1994 के बाद ब्याज दर में इतनी अधिक बढ़ोतरी की है. इसके साथ ही बैंक ऑफ इंग्लैंड ने भी दिसंबर से अब तक करीब पांच बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. स्विस नेशनल बैंक ने तो 15 साल के बाद पहली बार ब्याज दर बढ़ाई है.

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वैश्विक आर्थिक विकास दर में कटौती हुई कटौती
ब्याज दरों में बढ़ोतरी की घोषणाओं ने अर्थशास्त्रियों को वैश्विक आर्थिक विकास दर के अनुमान में कटौती करने के लिए मजबूर कर दिया है. कई जानकारों का मानना है कि अगले साल तक अमेरिका मंदी की चपेट में आ सकता है. इससे वैश्विक बाजार में गिरावट की संभावना बढ़ जाएगी.
इस पूरे माहौल के बीच बस जापान से अच्छी खबर आई है. क्योंकि बैंक ऑफ जापान ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं की है और उसने कहा है कि उसकी पूरी कोशिश होगी कि वह नरम रुख अपनाये रखेगा. बैंक ऑफ जापान ने शुक्रवार को कहा कि अन्य केंद्रीय बैंकों द्वारा की जा रही ब्याज दरों में बढ़ोतरी शेयर बाजार के लिए प्रतिकूल संकेत दे रही है. ब्याज दर बढ़ाने की यह रेस अभी खत्म नहीं हुई है. शायद हो सकता है भविष्य में हमें इससे ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिले.
