नई दिल्ली: आज सुबह 9 बजे के आसपास, बाहरी उत्तरी दिल्ली के भोरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक प्लास्टिक दाना फैक्टरी में भयानक आग लग गई। इस हादसे में किसी भी व्यक्ति को कोई चोट नहीं आई है, लेकिन फैक्टरी की इमारत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है।
आग की लपटें आसमान छूने लगीं
जानकारी के अनुसार, फैक्टरी में रखे प्लास्टिक के कारण आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और लपटें आसमान छूने लगीं। घनी काली धुंआ आसपास के इलाके में फैल गया, जिससे दृश्यता कम हो गई और लोगों को सांस लेने में तकलीफ हुई।
दमकल विभाग का कड़ी मेहनत
सूचना मिलते ही मौके पर दमकल विभाग की 12 गाड़ियां पहुंच गईं और आग बुझाने का प्रयास शुरू कर दिया। दमकल कर्मियों ने कड़ी मेहनत करते हुए आग पर काबू पाने में सफलता हासिल की, लेकिन तब तक फैक्टरी की इमारत पूरी तरह से जलकर खाक हो चुकी थी।
आसपास की इमारतों को खतरा
आग की भयावहता इतनी थी कि आसपास की इमारतों को भी खतरा पैदा हो गया था। दमकल विभाग के अधिकारियों ने आसपास की इमारतों को खाली करवा दिया और आग को उन तक फैलने से रोकने के लिए विशेष इंतजाम किए गए।
आग लगने का कारण अज्ञात
फिलहाल आग लगने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। दमकल विभाग और पुलिस जांच में जुटी हुई हैं।
औद्योगिक सुरक्षा पर सवाल
यह हादसा एक बार फिर से औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा व्यवस्था की कमी पर सवाल खड़े करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि फैक्टरी में उचित सुरक्षा व्यवस्था होती, तो शायद यह हादसा टल सकता था।
यह घटना कई महत्वपूर्ण बातों पर प्रकाश डालती है:
औद्योगिक इकाइयों में अग्निशमन व्यवस्था का महत्व: यदि फैक्टरी में उचित अग्निशमन व्यवस्था होती, तो शायद आग पर जल्दी काबू पाया जा सकता था और क्षति कम हो सकती थी।
सुरक्षा मानकों का पालन: औद्योगिक इकाइयों द्वारा सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।
नियमित जांच: औद्योगिक इकाइयों की नियमित जांच की जानी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सुरक्षा मानकों का पालन कर रही हैं।
यह हादसा एक चेतावनी है और हमें औद्योगिक सुरक्षा के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है।
Pardeep Singh Ujjain
Outar North Delhi