अब आम लोगों को महंगाई का एक और झटका लगने वाला है. 1 अप्रैल से मेडिसिन के दाम बढ़ने वाले हैं, दरअसल, भारत की ड्रग प्राइसिंग अथॉरिटी ने शेड्यूल दवाओं की कीमतों में 10.7 फीसदी की बढ़ोतरी की अनुमति दे दी है.
नई दिल्ली: अब आम लोगों को महंगाई का एक और झटका लगने वाला है. 1 अप्रैल से मेडिसिन के दाम बढ़ने वाले हैं, दरअसल, भारत की ड्रग प्राइसिंग अथॉरिटी ने शेड्यूल दवाओं की कीमतों में 10.7 फीसदी की बढ़ोतरी की अनुमति दे दी है, जिसके बाद अब 800 से ज्यादा दवाओं की कीमत बढ़ सकती है.
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एनपीपीए ने होलसेल प्राइस में किया बदलाव
नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनपीपीए) ने शुक्रवार को कैलेंडर वर्ष 2021 के होलसेल प्राइस इंडेक्स (डब्लूपीआई) में 2020 की इस अवधि की तुलना में 10.7 प्रतिशत बदलाव की घोषणा की. इसका मतलब यह है कि ज्यादातर सामान्य बीमारियों के इलाज में उपयोग की जाने वाली जरूरी दवाओं की कीमतों में 1 अप्रैल से 10.7 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है.
इन सब दवाई के बढ़ सकते हैं दाम
एक अप्रैल से बुखार, संक्रमण, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, चर्मरोग व खून की कमी जैसे रोगों के उपचार के काम आने वाली दवाएं महंगी हो जाएंगी। इन दवाओं के ड्रग्स जैसे पैरासिटामॉल, फेनोबार्बिटोन, फिनाइटोइन सोडियम, एजिथ्रोमाइसिन, सिप्रोफ्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड और मेट्रोनिडाजोल शामिल हैं.
इस आधार पर बढ़ेगी कीमत
ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर 2013 के क्लॉज 16 एनपीपीए को प्रत्येक वर्ष के 1 अप्रैल को या उससे पहले पूर्ववर्ती कैलेंडर वर्ष के लिए होलसेल प्राइस इंडेक्स (डब्ल्यूपीआई) के अनुसार अनुसूचित फॉर्मूलेशन की अधिकतम कीमत को संशोधित करने की अनुमति देता है. इसी आधार पर हर साल 1 अप्रैल से नई कीमतें लागू होती हैं.
एनपीपीए ने अपने नोटिस में क्या लिखा?
एनपीपीए ने अपने नोटिस में कहा कि, ‘आर्थिक सलाहकार, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के कार्यालय की ओर से उपलब्ध कराए गए डब्ल्यूपीआई आंकड़ों के आधार पर, डब्ल्यूपीआई में वार्षिक परिवर्तन कैलेंडर वर्ष 2021 के दौरान 2020 में इसी अवधि की तुलना में 10.76607% के रूप में काम करता है.’
दवाई के प्राइस बढ़ने के कारण
सरकार ने 7 मार्च को बताया कि फरवरी में थोक महंगाई दर 13.11 फीसदी पर रही. इस तरह फरवरी, 2022 में लगातार 11वें महीने थोक महंगाई दर दोहरे अंकों में रही. जनवरी में थोक महंगाई दर 12.96 फीसदी और दिसंबर 2021 में 13.56 फीसदी पर रही थी और जनवरी में थोक महंगाई दर 12.96 फीसदी पर पहुँच गई थी. उससे पहले दिसंबर, 2021 में यह 13.56 फीसदी पर रही थी. सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक पिछले वर्ष के समान महीने की तुलना में मिनरल ऑयल, बेसिक मेटल, केमिकल्स और केमिकल प्रोडक्ट्स, क्रूड पेट्रोलियम और नेचुरल गैस, खाने-पीने के सामान की कीमतों में तेजी से मुख्य रूप से महंगाई दर ऊंची रही थी.