अमरनाथ यात्रा, अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अनुसार लगभग 47 दिनों तक चलेगी. इस बीच श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकेंगे और परंपरा के अनुसार अमरनाथ यात्रा रक्षा बंधन के दिन समाप्त हो जाएगी.

नई दिल्ली: कोरोना महामारी की वजह से पिछले दो साल से बंद रही अमरनाथ यात्रा इस साल फिर से शुरू होने जा रही है. अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने रविवार को यात्रा की तारीखों की घोषणा कर दी. ये यात्रा अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अनुसार लगभग 47 दिनों तक चलेगी. इस बीच श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकेंगे और परंपरा के अनुसार अमरनाथ यात्रा रक्षा बंधन के दिन समाप्त होगी. लेकिन इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. इस यात्रा के लिए अगले महीने से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो सकती है.

अमरनाथ की यात्रा

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मीडिया ख़बरों के अनुसार, अमरनाथ यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अप्रैल 2022 से शुरु होने की संभावना है. सम्भावना है कि हर दिन लगभग 20,000 रजिस्ट्रेशन किए जा सकते हैं. यात्रा के दिनों में निर्धारित काउंटर पर तत्काल रजिस्ट्रेशन भी किए जाएंगे. अमरनाथ तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड ने इस साल की तीर्थ यात्रा के दौरान वाहनों और तीर्थयात्रियों की आवाजाही पर नज़र रखने को लेकर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन का उपयोग करने का निर्णय लिया है.

अमरनाथ यात्रा की चढ़ाई शुरू होती है…

देश की सबसे दुर्गम धार्मिक यात्राओं में से एक अमरनाथ यात्रा की चढ़ाई 2 रास्तों से होकर गुजरती है. जिसमें से एक रास्ता पहलगाम से होकर गुजरता है, जबकि दूसरा रास्ता बालटाल के जरिए होकर गुजरता है. यह यात्रा हमेशा आतंकियों और अलगाववादियों निशाने पर रही है. जिसके चलते यात्रा शुरू होने से पहले सेना और सुरक्षा बलों को व्यापक तैयारियां करनी पड़ती है साथ ही इस यात्रा पर भारतीय आर्मी की काफी पैनी नजर रहती है. वह इसपर लगातार नजर बनाए रखते हैं और इसकी पल-पल की सूचना अपने हेडक्वार्टर पर पहुंचाते रहते हैं.  

बाबा अमरनाथ की चढ़ाई करते श्रद्धालु

फिटनेस सर्टिफिकेट देना होगा

अमरनाथयात्रा पर केवल वही लोग जा सकते हैं, जिनकी उम्र 16 से 65 साल के बीच हो. यात्रा करने के लिए बोर्ड का परमिट और फिटनेस मेडिकल सर्टिफिकेट हासिल करना होगा. इस सर्टिफिकेट के बिना यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी.

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अमरनाथ गुफा के दर्शन का महत्त्व

आपको जानकारी के लिए बता दें कि अमरनाथ गुफा कश्मीर घाटी के अनंतनाग जिले में हैं. ऐसी मान्यता है कि वहां पर भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर होने की रहस्य कथा सुनाई थी जिसको वहां गुफा में मौजूद दो कबूतरों ने सुन लिया था. बर्फ से लदी पहाड़ों की चोटी पर बनी एक गुफा में हर साल प्राकृतिक रूप से शिवलिंग बनता है जिसके दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु आते हैं.

बाबा अमरनाथ की गुफा