विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे से मुलाकात कर देश में गंभीर आर्थिक संकट से निपटने में भारत के निरंतर सहयोग का आश्वासन दिया है
नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे से मुलाकात कर देश में गंभीर आर्थिक संकट से निपटने में भारत के निरंतर सहयोग का आश्वासन दिया है और ये भरोसा विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने तीन दिवसीय श्रीलंका दौरे पर पड़ोसी देश को ये दिया है. जयशंकर सात दक्षिण एशियाई और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के सहयोग संगठन बिम्सटेक की बैठक में हिस्सा लेने कोलंबो पहुंचे हैं. इस संगठन सहयोग देश में बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड, नेपाल, भूटान, श्रीलंका और भारत हैं.
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श्रीलंका में मौजूदा स्थिति यह है कि वहां विदेशी मुद्रा संकट के बीच, लोग ईंधन और गैस की कतारों से छुटकारा पाने के लिए तत्काल समाधान का आग्रह करते हुए विरोध प्रदर्शन और जागरण कर रहे हैं और लंबे समय तक बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं और वहां प्रमुख वस्तुओं की कीमतों में अचानक वृद्धि और ईंधन की कमी ने हजारों लोगों को कतार में खड़ा कर दिया. घंटों पेट्रोल फिलिंग स्टेशनों के बाहर लोगों खड़ा रहना पद रहा है और साथ ही रोजाना घंटों बिजली कटौती का भी सामना करना पड़ रहा है.
जयशंकर ने श्रीलंका के वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे के साथ भी बातचीत की, जिसमें अभी श्रीलंका के वित्त मंत्री आर्थिक संकट से निपटने के उपायों पर भारतीय पक्ष के साथ समन्वय कर रहे हैं. कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि श्रीलंकाई पक्ष ने 1 बिलियन डॉलर लाइन ऑफ क्रेडिट की मांग की है. वहीं भारत ने विदेशी मुद्रा की कमी से बड़े पैमाने पर उत्पन्न आर्थिक और ऊर्जा संकट से निपटने में श्रीलंका की मदद करने के लिए ईंधन, भोजन और दवाओं की खरीद के लिए दो लाइन क्रेडिट सहित 1.5 बिलियन डॉलर से अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान करने की घोषणा की है.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर और श्रीलंका के राष्ट्रपति ने बैठक के दौरान द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और उस बैठक के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया कि श्रीलंका को भारत ने निरंतर सहयोग और समझ का आश्वासन दिया है. वही दूसरी ओर श्रीलंका के वित्त मंत्री गोटबाया राजपक्षे ने ऋण सहायता के रूप में भारतीय पक्ष का आभार व्यक्त किया है.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे का भव्य स्वागत के लिए धन्यवाद व्यक्त किया है. आपको बताते चले कि विदेश मंत्री जयशंकर तीन दीन के दौरे पर श्रीलंका गए हैं जहाँ श्रीलंका में चर्चाओं के बाद कुछ उल्लेखनीय घटनाएं हुईं: 1. बौद्ध संस्कृति और विरासत के समर्थन पर समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. 2. ‘जयपुर फुट’ की फिटिंग पर जाफना में चल रहे शिविर का दौरा किया. जयपुर पैर, जिसे जयपुर पैर के रूप में भी जाना जाता है, घुटने के नीचे के लोगों के लिए एक रबर आधारित कृत्रिम पैर है. इसे पंडित राम चंद्र शर्मा और आर्थोपेडिक सर्जन पी के सेठी ने 1968 में विकसित किया था.