सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार के दो बच्चों की नीति को बरकरार रखा

02 Mar, 2024
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मुख्य बिंदु:
नियम: राजस्थान विभिन्न सेवा (संशोधन) नियम, 2001
पात्रता: सरकारी नौकरी के लिए उम्मीदवारों के दो से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: राजस्थान राज्य सरकार यह नियम भेदभाव रहित और संविधान के अनुकुल है।
विवरण:
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान राज्य सरकार द्वारा सरकारी नौकरी के लिए सिर्फ़ दो-बच्चों के मानदंड को यथावत रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि, राजस्थान राज्य सरकार का यह नियम भेदभाव रहित और संविधान के अनुकुल है।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस प्रावधान का उद्देश्य परिवार नियोजन को बढ़ावा देना और राज्य के संसाधनों का अधिक कुशलता से उपयोग करना है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता पीठ ने स्पष्ट करते हुए कहा कि, सभी उम्मीदवारों पर यह नियम बिना किसी विशेष वर्ग के साथ भेद भाव के समान रूप से लागू होता हैं।
राजस्थान सरकार का पक्ष:
राजस्थान सरकार ने तर्क दिया कि दो-बच्चों का मानदंड राज्य के संसाधनों का अधिक कुशलता से उपयोग करने और जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक है।
उम्मीदवारों का पक्ष:
कुछ उम्मीदवारों ने तर्क दिया कि यह नियम भेदभावपूर्ण है और संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 का उल्लंघन करता है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला:
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार के तर्कों को स्वीकार करते हुए कहा कि दो-बच्चों का मानदंड एक उचित वर्गीकरण है और यह संविधान का उल्लंघन नहीं करता है।
निष्कर्ष: राजस्थान सरकार का यह फैसला उन सभी उम्मीदवारों को प्रभावित करेगा जो राजस्थान में सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करना चाहते हैं। उन्हें अब यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके दो से अधिक बच्चे न हों।

संदीप उपाध्याय

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