नई दिल्ली: सोमवार की सुबह तुर्की के लिए बहुत बुरी खबर लेकर आई। यहां पर सुबह चार बजे आए 7.8 तीव्रता वाले भूकंप ने बहुत हद तक तुर्की को तहस नहस कर दिया। भूकंप की चपेट में आने से अब तक 913 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, 5300 से अधिक लोग जख्मी हो गए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, भूकंप सुबह 04:17 बजे आया था। इसकी गहराई जमीन से 17.9 किलोमीटर अंदर थी। भूकंप का केंद्र गाजियांटेप के पास था। यह सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर स्थित है। ऐसे में सीरिया के कई शहरों में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए। बताया जा रहा है कि बॉर्डर के दोनों ओर भारी तबाही हुई है।
ये भी पढ़े: सोचा है कभी आखिर काले और सफेद रंग के ही क्यों होते हैं? चार्जर
7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद 7.5 तीव्रता का आया दूसरा बड़ा भूकंप
7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद 7.5 तीव्रता का दूसरा बड़ा भूकंप आया। दोनों भूकंपों ने तुर्की और सीरिया को कम से कम छह बार जोर-जोर से हिलाया। सबसे बड़ा झटका 40 सेकेंड तक महसूस किया गया। इसी ने सबसे ज्यादा तबाही भी मचाई।
भूकंप के 6 झटके महसूस किए गए- तुर्की के राष्ट्रपति
भूकंप के बाद तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने ट्वीट कर कहा कि, ”भूकंप से प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। भूकंप के दौरान कम से कम 6 बार तेज झटके लगे। लोगों से अपील है कि वह किसी भी क्षतिग्रस्त इमारतों में प्रवेश न करें।
भारत भूकंप पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए तत्पर है–प्रधानमंत्री मोदी
पीएम मोदी ने तुर्की में भूकंप से हुई तबाही पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि इस समय तुर्की में आए भूकंप पर हम सभी की दृष्टि बनी हुई है। कई लोगों की मृत्यु और काफी नुकसान की खबरें हैं। तुर्की के आसपास के देशों में भी नुकसान की आशंका है। भारत भूकंप पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए तत्पर है।
तुर्की में भूकंप का है लंबा इतिहास…
115
13 दिसंबर 115 सीई में 7.5 तीव्रता का भूकंप आया था। जिसमें ढाई लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे।
1653
23 फरवरी 1653 को आए भूकंप में 2500 लोग मारे गए थे।
1840
2 जुलाई 1840 में 7.4 तीव्रता की आए भूकंप में 10 हजार लोग मारे गए थे।
1881
3 अप्रैल 1881 में आए 7.3 तीव्रता की भूकंप में 7866 लोगों की मौत हुई थी।
1883
10 अक्टूबर 1883 को आए भूकंप में 120 लोग मारे गए थे।
1930
7 मई 1930 को आए भूकंप में 2500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
1939
साल 1939 में भी तुर्की में 7.8 तीव्रता के साथ भूकंप आया था। इस भूकंप में 32 हजार 700 लोगों की मौत हो गई थी।
1943
26 नवंबर 1943 को आए भूकंप में करीब 5 हजार लोग मारे गए थे।
1944
1 फरवरी 1944 में फिर इसी तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें चार हजार लोग मारे गए थे।
1953
9 अगस्त 1953 को आए भूकंप में 216 लोग मारे गए थे।
1976
24 नवंबर 1976 को आए भूकंप में चार हजार लोग मारे गए थे।
1999
17 अगस्त 1999 में भी तुर्की में बड़ा भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 7.6 मापी गई थी। इस भूकंप में 17 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे।
2011
अक्टूबर 2011 में आए भूकंप में 600 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
क्या है? तुर्की में आए भूकंप का कारण
तुर्की का ज्यादातर हिस्सा एनाटोलियन प्लेट पर है। इस प्लेट के पूर्व में ईस्ट एनाटोलियन फॉल्ट है। बाईं तरफ ट्रांसफॉर्म फॉल्ट है। जो अरेबियन प्लेट के साथ जुड़ता है। दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में अफ्रीकन प्लेट है। जबकि, उत्तर दिशा की तरफ यूरेशियन प्लेट है, जो उत्तरी एनाटोलियन फॉल्ट जोन जुड़ा है। घड़ी के विपरीत दिशा में घूम रही है एनाटोलियन टेक्टोनिक प्लेट तुर्की के नीचे मौजूद एनाटोलियन टेक्टोनिक प्लेट घड़ी के विपरीत दिशा में घूम रहा है। यानी एंटीक्लॉकवाइज। साथ ही इसे अरेबियन प्लेट धक्का दे रही है। अब ये घूमती हुई एनाटोलियन प्लेट को जब अरेबियन प्लेट धक्का देती है, तब यह यूरेशियन प्लेट से टकराती है। तब भूकंप के तगड़े झटके लगते हैं।
Edit BY Deshhit News