सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें कहा गया था कि विवाह के सबूत के अभाव में एक साथ रहने वाले पुरुष और महिला का ‘नाजायज’ बेटा पैतृक संपत्तियों में हिस्सा पाने का हकदार नहीं है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि अगर कोई पुरुष और महिला लंबे समय तक एक साथ रहते हैं तो कानून के अनुसार इसे विवाह जैसा ही माना जायेगा और उनके सम्बन्ध से किसी बच्चे का जन्म होता है तो उसको पैतृक संपत्तियों में हिस्सेदारी से वंचित नहीं किया जा सकता है.

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सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें कहा गया था कि विवाह के सबूत के अभाव में एक साथ रहने वाले पुरुष और महिला का ‘नाजायज’ बेटा पैतृक संपत्तियों में हिस्सा पाने का हकदार नहीं है. इस केस को जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ सुनवाई कर रही थी, इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह अच्छी तरह से स्थापित है कि अगर एक पुरुष और एक महिला पति और पत्नी के रूप में लंबे समय तक एक साथ रहते हैं, तो इसे विवाह जैसा ही माना जायेगा. इस तरह का अनुमान साक्ष्य अधिनियम की धारा 114 के तहत लगाया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को संपत्ति में हिस्सा देने का निचली अदालत का आदेश बहाल किया है. केरला हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को संपत्ति में हिस्सा देने का निचली अदालत का आदेश यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि इस बात का कोई सुबूत नहीं है कि याचिकाकर्ता के माता-पिता लंबे समय तक साथ-साथ रह रहे हैं. दस्तावेजों से सिर्फ यह साबित होता है कि याचिकाकर्ता दोनों का पुत्र है, लेकिन ये मालूम नहीं पड़ता कि वह वैध पुत्र है, इसलिए हाईकोर्ट ने संपत्ति बंटवारे से इंकार कर दिया था. याचिकाकर्ता ने बाद में इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

फाइनल डिक्री पारित करने में तुरंत संज्ञान लें ट्रायल कोर्ट: सुप्रीम कोर्ट
इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के ट्रायल कोर्टों से कहा है कि वे प्रारंभिक डिक्री पारित करने के बाद स्वत: संज्ञान लेते हुए फाइनल डिक्री पारित करने की प्रक्रिया में तत्परता दिखाएं. वे सीपीसी के आदेश 20 नियम 18 के तहत ऐसा करें. अदालतें अनिश्चित काल के लिए मामला स्थगित न करें जैसा इस मामले में हुआ है. कोर्ट ने कहा है कि फाइनल डिक्री के लिए अलग से कोई प्रक्रिया करने की जरूरत नहीं है. पक्षकारों को इसके लिए अर्जी दाखिल करने की इजाजत दी जाएगी.