Kanwar Yatra 2023 News: हिंदू धार्मिक ग्रंथों, वेद शास्त्रों और पुराणों में मातृ पितृ भक्त श्रवण कुमार की कथा सुनने को मिलती है कि किस तरह से श्रवण कुमार ने अपने अंधे माता पिता को पालकी पर लेकर पैदल चारों धामों की यात्रा कराई थी। अब वर्तमान में कलयुग चल रहा है। इस युग में जिस समय भारतीय संस्कृति और परंपराएं छिन्न भिन्न दिखाई पड़ती हैं। तो वहीं कुछ लोग समाज के बीच से ऐसे निकलकर सामने आ जातें हैं कि उनके लिए दिलों से दुआएं निकलने लगती हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही कलयुग के श्रवण कुमार के बारे में बताएँगे उन्हें देखकर आप भी कहेंगे, कि क्या दुनिया में ऐसे लोग भी हैं।
मेरठ ज़िले के मवाना प्रतापपुर गांव के रहने वाले सचिन का भी सपना था कि वह अपने मां बाप को ऐसी ही धार्मिक यात्रा कराए। इस बार कांवड़ यात्रा में सचिन ने अपना यह सपना पूरा किया-
पवित्र श्रावण मास में भोले बाबा की नगरी के द्वार के रुप विश्वविख्यात तीर्थ नगरी हरिद्वार में भगवा रंग में रंगे शिव भक्तों रूपी कावड़ियो की भीड़ की निरंतरता हरिद्वार में स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है,इस बीच सचिन ने अपने वृद्ध माता पिता को कावड़ में बैठा कर जल ले जाते हुए दिखे I
वहीं सचिन के मां बाप भी श्रवण कुमार जैसा पुत्र पाकर फुले नहीं समा रहे हैं। उनका कहना है की आज के समय जहां बच्चे अपने मां बाप की सेवा नहीं करते, उनको अनाथ आश्रम में डाल देते है ऐसे बच्चों को संदेश देने के लिए मेरे बेटे ने बड़ा बलिदान दिया है। हमें गर्व है कि हम ऐसे बेटे के पिता है जो अपने मां-बाप की सेवा के साथ समाज को भी एक नई दिशा देना चाहता है।