Sachin Pilot ने कांग्रेस से की तुंरत CM बनाने की मांग – सूत्र

28 Apr, 2022
Sachin
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सचिन पायलट ने पिछले कुछ सप्ताह में गांधी परिवार के साथ तीन बार बैठक की है. उन्होंने इस दौरान कांग्रेस हाईकमान के समक्ष दो टूक रूप से अपनी बात रख दी है.

नई दिल्ली: कांग्रेस के नेता सचिन पायलट ने सोनिया गांधी से कहा है कि वह ‘बिना देरी’ राजस्थान के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं ताकि राज्य के चुनावों में पार्टी की सत्ता वापसी सुनिश्चित हो सके. ये जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है. सचिन पायलट ने कथित तौर पर सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी से कहा है कि अगर ऐसा नहीं होता तो राजस्थान भी कांग्रेस पंजाब की तरह हार सकती है जहां आखिरी में आनन-फानन में चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने का फार्मुला फेल साबित हुआ.

सचिन पायलट ने कांग्रेस से की तुंरत CM बनाने की मांग

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सूत्रों का कहना है कि सचिन पायलट ने पिछले कुछ हफ्तों में तीनों गांधी परिवार के साथ तीन बैठकें की हैं. राजस्थान में दिसंबर 2023 में चुनाव होने हैं. पायलट ने आलाकमान को कहा है कि इस काम में देरी हुई तो पंजाब की स्थिति राजस्थान में दोहराई जाएगी.

पिछले हफ्तों में तीन बार हुई बैठक

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सचिन पायलट ने पिछले कुछ सप्ताह में गांधी परिवार के साथ तीन बार बैठक की है. उन्होंने इस दौरान कांग्रेस हाईकमान के समक्ष दो टूक रूप से अपनी बात रख दी है.

पायलट को डिप्टी सीएम पद से हटाया गया था

सचिन पायलट पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और राज्य में डिप्टी सीएम के पद पर थे, लेकिन 2020 में उनके बगावती सुरों के चलते दोनों ही पद उनसे ले लिए गए थे. सचिन पायलट के समर्थक उन्हें सीएम बनाने को लेकर लगातार मांग करते रहे हैं.

अब सीधे तौर पर सचिन पायलट की तरफ से अपनी मांग रखने पर कांग्रेस आलाकमान के सामने पार्टी में बगावत थामने की चुनौती है. क्योंकि राजस्थान में अशोक गहलोत गुट भी काफी मजबूत है.

सचिन पायलट ने गांधी परिवार को स्पष्ट कर दिया है कि वह राजस्थान के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. जब कांग्रेस ने 2018 का राजस्थान चुनाव जीता था, तब उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया था. उनकी जगह अनुभवी अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया गया. इसके दो साल बाद वह अपने समर्थक 18 विधायकों को लेकर दिल्ली में ढेरा डाल लिया, हालांकि, उन्हें फिर मनाया गया. सचिन पायलट की बगावत ने अशोक गहलोत की सरकार को पतन के कगार पर ला दिया.

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