आपको बता दें कि आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि 15 साल में भारत को अखंड राष्ट्र बनाना है. हरिद्वार में उन्होंने कहा कि सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र है. 15 साल में भारत फिर से अखंड भारत बनेगा और यह सब हम अपनी आंखों से देखेंगे.
नई दिल्ली: संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हरिद्वार की एक संगोष्टी में कहा कि भारत को 15 साल के अंदर एक बार फिर अखंड भारत बनाएंगे. शिवसेना नेता संजय राऊत ने मोहन भागवत के बयान की चुटकी लेते हुए प्रतिक्रिया दी है कि वह 15 सालों में नहीं 15 दिन में अखंड भारत बनाइए.

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उन्होंने कहा कि, ‘सरसंघचालक मोहन भागवत जी हमारे लिए भी आदरणीय हैं. अगर कोई अखंड भारत की बात करते हैं तो उसे सबसे पहले पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) को हिंदुस्तान में जोड़ना पड़ेगा. इसके बाद 1947 में विभाजन के बाद अलग हुए पाकिस्तान को भी जोड़ना होगा. उन्होंने आगे कहा कि पहले जहां भी भारत की सीमाएं हुआ करती थी उसे भी जोड़िए, श्रीलंका को भी जोड़िए और फिर एक महा सत्ता बना लीजिए आपको किसी ने नहीं रोका. लेकिन उससे पहले कश्मीरी पंडितों की घर वापसी करवा दीजिए और अगर आप ये सब लेते हैं तो हम आपका समर्थन हम ज़रूर करेंगे.
हरिद्वार में मोहन भागवत का बयान
आपको बता दें कि आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि 15 साल में भारत को अखंड राष्ट्र बनाना है. हरिद्वार में उन्होंने कहा कि सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र है. 15 साल में भारत फिर से अखंड भारत बनेगा और यह सब हम अपनी आंखों से देखेंगे. उन्होंने कहा कि हम अहिंसा की ही बात कहेंगे, पर यह बात हाथों में डंडा लेकर कहेंगे. हमारे में मन में कोई द्वेष, शत्रुता भाव नहीं है, लेकिन दुनिया शक्ति को ही मानती है तो हम क्या करें.

आरएसएस चीफ ने आगे कहा कि जो हमारे देश में तथाकथित लोग जो सनातन धर्म का विरोध करते हैं, उनका भी कही न कही उसमें सहयोग है. क्योंकि अगर वह विरोध न करे तो हिंदू जागेगा नहीं, हमारा भारत धर्म के माध्यम से ही उठता है और धर्म के नाम से ही सोता है. सरसंघचालक भागवत ने कहा कि धर्म का प्रयोजन, भारत का प्रयोजन है, धर्म के उत्थान के प्रयास से ही भारत का उत्थान होगा. इसे रोकने वाले हट जाएंगे, मिट जाएंगे. संतों ने संघ प्रमुख के हरिद्वार प्रवास पर उनके समक्ष देश को हिंदू राष्ट्र घोषित, करने की मांग उठाई.

हिंदुत्व शिवसेना के खून में
वहीं इस बयान से पहले बुधवार को संजय राउत ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा था कि हिंदुत्व के बारे में हमें कुछ सिखाने की जरूरत नहीं है. हिंदुत्व शिवसेना के खून में है, यह शिवसेना के रगों में बहता है. जब-जब हिंदुत्व पर हमला हुआ है तो उस वक्त भाजपा सामने नहीं थी. हम थे, बालासाहेब ठाकरे थे, उद्धव ठाकरे थे.