मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अग्निपथ योजना को केंद्र सरकार का तर्कहीन कदम बताया है और इसी योजना को लेकर मान केंद्र पर जमकर बरसे. उन्होंने यह भी कहा था कि यह भारतीय सशस्त्र बलों के मूल ताने-बाने को ख़त्म करता है.
नई दिल्ली: पंजाब विधानसभा ने केंद्र की अग्निपथ रक्षा भर्ती योजना के खिलाफ बृहस्पतिवार यानी 30 जून को प्रस्ताव पारित कर दिया है. बहरहाल, भारतीय जनता पार्टी के दो विधायक अश्विनी शर्मा और जांगी लाल महाजन ने प्रस्ताव का जोरदार विरोध किया. इस प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए भगवंत मान ने कहा कि वह जल्द ही अग्निपथ योजना के मुद्दे को प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के समक्ष लेकर जायेंगे. वहीं, विधानसभा में अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए मान ने कहा कि यह योजना देश के नौजवानों के विरुद्ध है. विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने मांग की कि अग्निपथ योजना वापस ली जाए.
सीएम मान ने अग्निपथ योजना को बताया तर्कहीन
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अग्निपथ योजना को केंद्र सरकार का तर्कहीन कदम बताया है और इसी योजना को लेकर मान केंद्र पर जमकर बरसे. उन्होंने यह भी कहा था कि यह भारतीय सशस्त्र बलों के मूल ताने-बाने को ख़त्म करता है. मालूम हो कि सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए अब तक 2 लाख युवाओं ने अग्निपथ योजना के तहत निकले फॉर्म में नामांकन कराया है. सरकार द्वारा योजना शुरू किए जाने के बाद पंजाब और हरियाणा सहित देश के अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किए गए थे.

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गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा चार साल के अनुबंध पर सेना, नौसेना और वायुसेना में साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल तक के बीच के युवाओं की भर्ती वाली अग्निपथ योजना लाए जाने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन शुरू हुए. बाद में उसने इस साल के लिए भर्ती के वास्ते अधिकतम आयु सीमा 2 वर्ष बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी गई थी.
भाजपा विधयाकों ने किया विरोध
सदन में भाजपा के दो सदस्यों ने पंजाब विश्वविद्यालय पर और अग्निपथ योजना पर प्रस्ताव लाने का विरोध किया, जबकि सत्ता पक्ष के साथ अन्य दलों ने प्रस्ताव पारित करने का समर्थन किया. आप विधायक प्राचार्य बुद्ध राम ने पंजाब यूनिवर्सिटी के इतिहास, चंडीगढ़ में इसके स्थानांतरण के संबंध में पूर्व में हुई बैठकों की जानकारी दी. साथ ही यह भी प्रस्ताव पारित किया गया है कि पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट में 2 विधायक भी शामिल होंगे. जिनके नाम तय करने का अधिकार पंजाब विधानसभा के स्पीकर दिया गया है.
अकाली दल ने भी दिया समर्थन
अकाली दल के विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया है और साथ ही इस योजना को केंद्र सरकार से वापस लिए जाने की मांग की है.

Edited By: Deshhit News