राहुल गांधी की सजा पर रोक, सुप्रीम कोर्ट में मोदी सरनेम मानहानि केस पर सुनवाई की बड़ी बातें

04 Aug, 2023
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मोदी सरनेम केस में आज सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को बड़ी राहत देते हुए गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए सजा पर रोक लगा दी है.

अब राहुल गांधी की संसद सदस्यता भी बहाल होगी.  सुप्रीम कोर्ट ने अपील लंबित रहने तक सजा पर रोक लगाई है. कोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी को मैक्सिम दो साल की सजा दी गई. निचली अदालत ने ये कारण नहीं दिए कि क्यों पूरे दो साल की सजा दी गई. कोर्ट ने कहा की हाईकोर्ट ने भी इस पर पूरी तरह विचार नहीं किया. 
साथ ही कोर्ट ने राहुल गांधी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उन्हें हिदायत भी दी है. कहा है कि सार्वजनिक जीवन में उन्हें इस तरह के बयानों से बचना चाहिए.

दरअसल, मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल को 23 मार्च को निचली अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई थी. अब 134 दिन बाद इस केस में राहुल गांधी की सजा पर SC ने रोक लगा दी. हालांकि, इन 134 दिनों में राहुल गांधी ने 2 और अदालतों का दरवाजा खटखटाया था. और उन्हें राहत नहीं मिली थी.

वहीं अगर बात करें की राहुल गाँधी के बयानों को लेकर तो राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था, ”नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी इन तीनों लोगों का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?” राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था. अपनी शिकायत में बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?

अब ऐसी बहाल होगी संसद सदस्यता

राहुल गांधी को कोर्ट के इस फैसले के बाद लोकसभा सचिवालय को प्रतिवेदन देना होगा. इसमें सुप्रीम कोर्ट के आज के आदेश का उल्लेख कर लोकसभा सदस्यता बहाल करने का अनुरोध किया जाएगा. इसके बाद लोकसभा सचिवालय के अधिकारी आदेश का अध्ययन करेंगे . जिसके बाद राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने का आदेश जारी किया जाएगा. हालांकि, इसकी कोई समय सीमा नहीं है. लेकिन इस प्रक्रिया को जल्द ही करना होगा.


बता दें कि लक्षद्वीप के एनसीपी सासंद मोहम्मद फैज़ल को जनवरी में अयोग्य घोषित किया गया था लेकिन उनकी सदस्यता मार्च में तब बहाल की गई जब वे सुप्रीम कोर्ट गए थे. चुनाव आयोग ने वहां उपचुनाव भी घोषित कर दिया था तो बाद में रद्द किया गया.

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