सूत्रों ने यह जानकारी दी है कि द्रौपदी मुर्मू ने नामांकन दाखिल करने से पहले खुद ही तीनों प्रमुख विपक्षी नेताओं से बात की. सूत्रों की माने तो सोनिया, ममता और पवार ने मुर्मू को शुभकामनाएं दीं है.
नई दिल्ली: एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार यानी 24 जून को राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन भरा. पीटीआई एजेंसी के की खबर के मुताबिक उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार से राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें समर्थन देने की मांग की है. द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद के नामांकन भरने के दौरान पीएम मोदी के अलावा राजनाथ सिंह, अमित शाह, कई केंद्रीय मंत्री और सांसद मौजूद थे.

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आपको बता दें कि नामांकन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके पहले प्रस्तावक बने. जानकारी के अनुसार मुर्मू की उम्मीदवारी के लिए भाजपा ने नामांकन के चार सेट तैयार किए हैं. प्रधानमंत्री के अलावा, वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर किए.

द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. प्रधानमंत्री मोदी ने खुद अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर यह जानकारी दी थी और मुलाकात की तस्वीरें साझा की थी. पीएम मोदी ने कहा था की, द्रौपदी मुर्मू जी से मुलाकात की. राष्ट्रपति पद के लिए उनकी उम्मीदवारी का देश भर में और समाज के सभी वर्गों के द्वारा सराहना मिल रही है. जमीनी समस्याओं के प्रति उनकी समझ और भारत के विकास को लेकर उनकी दृष्टि उत्कृष्ट है.
नामांकन दाखिल किया
सूत्रों ने यह जानकारी दी है कि द्रौपदी मुर्मू ने नामांकन दाखिल करने से पहले खुद ही तीनों प्रमुख विपक्षी नेताओं से बात की. सूत्रों के मुताबिक सोनिया, ममता और पवार ने मुर्मू को शुभकामनाएं दीं है. भाजपा नेताओं के अलावा वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी, ओड़िशा की बीजू जनता दल सरकार के दो मंत्री और उसके नेता सस्मित पात्रा, अन्नाद्रमुक नेता ओ. पनीरसेल्वम और थम्बी दुरई तथा जनता दल (यूनाईटेड) के राजीव रंजन सिंह ने भी बधाई दी है. राष्ट्रपति पद के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा. वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है.

देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी द्रौपदी मुर्मू
संथाल जनजाति समुदाय से आने वालीं द्रौपदी मुर्मू को सादगी और संघर्ष के लिए जाना जाता है. वर्ष 2009 के बाद से अपने पति और दो बेटों समेत कई परिजनों को खोने वालीं द्रौपदी मुर्मू ने कठिन संघर्ष के बीच अपनी बेटियों की परवरिश की है. ओडिशा के मयूरभंज जिले में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू यदि चुनाव में जीत हासिल करती हैं तो वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी.
Edited By: Deshhit News