मुख्य चुनाव आयुक्त ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में स्पष्ट किया कि पार्टियां अपने सदस्यों को कोई व्हिप जारी नहीं कर सकेंगी. उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा कि घूस या अन्य तरीकों से वोट को हासिल करना अपराध की श्रेणी में आता है और अगर ऐसी स्थिति पाई गई तो माननीय सुप्रीम कोर्ट की ओर से इलेक्शन को अवैध घोषित किया जा सकता है.
नई दिल्ली: राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने आज तारीखों का ऐलान कर दिया है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि वोटिंग 18 जुलाई को होगी. जबकि वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी. यानी नए राष्ट्रपति का ऐलान भी उसी दिन कर दिया जाएगा. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में 4809 इलेक्टर्स वोट डालेंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने आगे कहा कि, राज्यसभा के महासचिव रिटर्निंग ऑफिसर होंगे. नामांकन पत्र दिल्ली में वितरित किए जाने हैं और निर्वाचक मंडल के कम से कम 50 सदस्य प्रस्तावक के रूप में और अन्य 50 समर्थक के रूप में जरूरी हैं.

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चुनाव आयोग ने पार्टियों के लिए जारी किया व्हिप
मुख्य चुनाव आयुक्त ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में स्पष्ट किया कि पार्टियां अपने सदस्यों को कोई व्हिप जारी नहीं कर सकेंगी. उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा कि घूस या अन्य तरीकों से वोट को हासिल करना अपराध की श्रेणी में आता है और अगर ऐसी स्थिति पाई गई तो माननीय सुप्रीम कोर्ट की ओर से इलेक्शन को अवैध घोषित किया जा सकता है. देश में कोविड को लेकर स्थिति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि खुशकिस्मती से कोविड को लेकर स्थिति इस समय गंभीर नहीं है. इसके बावजूद वोटिंग के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य है. चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए प्लास्टिक मटेरियल के स्थान पर नष्ट होने वाले मटेरियल के इस्तेमाल का निर्देश दिया है.

राष्ट्रपति चुनाव के लिए कार्यक्रम
– नामांकन पत्र दाखिल करने की तारीख 15 जून से शुरू होगी.
– नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 29 जून होगी.
– 30 जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी.
– नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 2 जुलाई को होगी.
– राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई को और जरूरी पड़ने पर मतगणना 21 जुलाई को भी हो सकती है.
गौरतलब है कि अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने शीर्ष संवैधानिक पद के लिए अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है. संविधान के अनुसार नए राष्ट्रपति को 25 जुलाई तक शपथ लेनी है. वर्ष 2017 की बात करें तो 17 जुलाई को चुनाव हुए थे, जिसमें रामनाथ कोविंद को बतौर राष्ट्रपति चुना गया था. राष्ट्रपति को लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा के सदस्य मिलकर निर्वाचित करते हैं. आपको बता दें कि 776 सांसद (मनोनीत को छोड़कर) और विधानसभा के विधायकों से निर्वाचन मंडल बनता है. एनडीए इस समय बहुमत के आंकड़े से मामूली दूरी पर है. अपने उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनवाने के लिए एनडीए को बीजेडी और वायएसआर कांग्रेस के समर्थन की आवश्यकता होगी. गौरतलब है कि पिछले चुनाव में रामनाथ कोविंद को 65.35 प्रतिशत मत मिले थे.