नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार यानी आज शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वर्चुअल शिखर सम्मेलन की मेजबानी किए । इस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सहित अन्य सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। एससीओ के सम्मेलन को पीएम मोदी ने संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में वैश्विक स्थिति एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर है। विवादों, तनावों और महामारी से घिरे विश्व में फर्टिलाइजर और ईंधन का मुहैया होना सभी देशों के लिए बड़ी चुनौती है। हमें यह फैसला करना होगा कि क्या हम अपने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने और चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं। क्या एससीओ ऐसा संगठन है जो आगे के बदलावों के हिसाब से बदल रहा है। एससीओ में भाषा संबंधी परेशानियों को हटाने के लिए हम अपने प्लेटफॉर्म को सबके साथ साझा करने में रुचि रखते हैं। आगे के सुधारों को लागू करने में एससीओ बड़ा प्लेटफॉर्म बन सकता है।
भारत के बताए दो सिद्धांत
उन्होंने कहा कि SCO के अध्यक्ष के रूप में, भारत ने हमारे बहुआयामी सहयोग को नयी ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए निरंतर प्रयास किये हैं। इन सभी प्रयासों को हमने दो मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित किया है। पहला, वसुधैव कुटुम्बकम, यानि पूरा विश्व एक परिवार है। यह सिद्धांत, प्राचीन समय से हमारे सामाजिक आचरण का अभिन्न अंग रहा है। और आधुनिक समय में भी हमारे लिए एक नयी प्रेरणा और ऊर्जा का स्रोत है। और दूसरा, SECURE यानि Security, Economic development, Connectivity, Unity, Respect for sovereignty and territorial integrity and Environmental protection. यह हमारी अध्यक्षता का थीम और हमारे SCO के vision का प्रतिबिंब है।

अफगानिस्तान की जमीन को पड़ोसी देशों में अस्थिरता फैलाने में न की जाए प्रयोग
उन्होंने आगे कहा कि भारत और अफगानिस्तान के लोगों के बीच सदियों पुराने मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। पिछले दो दशकों में हमने अफगानिस्तान के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए योगदान दिया है। 2021 के घटनाक्रम के बाद भी हम मानवीय सहायता भेजते रहे हैं। यह आवश्यक है कि अफगानिस्तान की भूमि पड़ोसी देशों में अस्थिरता फैलाने या उग्रवादी विचारधाराओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयोग न की जाए।

क्या है ‘SECURE’ का मतलब ?
‘SECURE’ का मतलब सुरक्षा, आर्थिक विकास, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और पर्यावरण संरक्षण है। भारत ने पिछले साल सितंबर में समरकंद शिखर सम्मेलन में एससीओ की अध्यक्षता ग्रहण की थी।
भारत ने स्टार्टअप और नवाचार, पारंपरिक चिकित्सा, डिजिटल समावेशन, युवा सशक्तिकरण और साझा बौद्ध विरासत पर जोर देकर अपनी अध्यक्षता में सहयोग के नए स्तंभ स्थापित किए।
भारत ने प्रधानमंत्री के वसुधैव कुटुंबकम के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए लोगों के बीच बेहतर जुड़ाव बनाने पर जोर दिया। भारत ने कुल 134 बैठकों और कार्यक्रमों की मेजबानी की है, जिनमें 14 मंत्री-स्तरीय बैठकें शामिल हैं।
कब हुई SCO की स्थापना ?
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) या शंघाई पैक्ट, चीन के शंघाई में 15 जून 2001 को स्थापित आठ सदस्यीय बहुपक्षीय संगठन का एक यूरेशियन राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा गठबंधन है। SCO में 08 सदस्य देश, 03 पर्यवेक्षक और 14 संवाद सहयोगी देश शामिल हैं। भारत को जुलाई 2005 में अस्ताना शिखर सम्मेलन में पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया और 9 जून, 2017 को अस्ताना, कजाकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन में पूर्ण सदस्य का दर्जा दिया गया।
गौरतलब है कि भारत एससीओ के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। भारत ने इस साल मई में गोवा में दो दिवसीय सम्मेलन में एससीओ के विदेश मंत्रियों की मेजबानी की थी। बताना चाहेंगे कि एससीओ एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा गुट है और सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है।