PM मोदी ने हिमाचल के स्वास्थ्य कर्मियों और कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के लाभार्थियों से की बातचीत

06 Sep, 2021
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हिमाचल प्रदेश: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मियों और कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के लाभार्थियों से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने टीके की बर्बादी को कम करने के लिए टीम की प्रशंसा की और दुर्गम क्षेत्र में सेवा प्रदान करने के उनके अनुभवों पर चर्चा की। लाभार्थी ने प्रधानमंत्री को उनके नेतृत्व के लिए धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने टीम आधारित प्रयासों के लिए हिमाचल टीम की सराहना की। वार्तालाप के दौरान, प्रधानमंत्री ने बहुत ही व्यक्तिगत और अनौपचारिक रूप से लोगों से बातचीत की।

प्रधानमंत्री ने आगे संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश 100 वर्षों की सबसे बड़ी महामारी के विरूद्ध लड़ाई में एक चैंपियन के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल भारत का पहला राज्य बन गया है जिसने अपनी पूरी पात्र आबादी को कोरोना वैक्सीन की कम से कम एक खुराक दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सफलता ने आत्मविश्वास और आत्मनिर्भर भारत के महत्व को रेखांकित किया है।

उन्होंने कहा कि भारत में टीकाकरण की सफलता यहां के नागरिकों की भावना और कड़ी मेहनत का परिणाम है। भारत प्रतिदिन 1.25 करोड़ टीकों की रिकॉर्ड गति से टीकाकरण कर रहा है। इसका अभिप्राय है कि भारत में एक दिन में टीकाकरण की संख्या कई देशों की जनसंख्या से अधिक है। प्रधानमंत्री ने टीकाकरण अभियान में योगदान के लिए चिकित्सकों, आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, चिकित्सा कर्मियों, शिक्षकों और महिलाओं की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘सबका प्रयास’  के संदर्भ में चर्चा की थी, उन्होंने कहा कि यह सफलता उसी की अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा कि हिमाचल देवताओं की भूमि है। प्रधानमंत्री ने संवाद और सहयोग के सामंजस्य पूर्ण मॉडल की प्रशंसा भी की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सशक्त होती कनेक्टिविटी का सीधा लाभ पर्यटन को भी मिल रहा है, फल-सब्ज़ी का उत्पादन करने वाले किसान-बागवान उत्पादकों को भी इसका लाभ मिल रहा है। गांवों में इंटरनेट कनेक्टिविटी का उपयोग कर हिमाचल की युवा प्रतिभाएं अपनी संस्कृति और पर्यटन की नई संभावनाओं को देश-विदेश में ले जा सकती हैं।

आजादी का अमृत महोत्सव की पूर्व संध्या पर, प्रधानमंत्री ने हिमाचल के किसानों और बागवान उत्पादकों से अगले 25 वर्षों के भीतर हिमाचल में कृषि को जैविक बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे हमें अपनी मिट्टी को रसायनों से मुक्त करना होगा।

इस अवसर पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री, जे पी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, सांसद, विधायक, पंचायत नेता समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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