शहबाज शरीफ को पाकिस्तान के नवनियुक्त प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही राजनीति के एक महीने के उठा पटक के बाद आज आखिर में पाकिस्तान के सियासी मैलोड्रामे का अंत हो गया, और शहबाज को पीएम बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी.
नई दिल्ली: शहबाज शरीफ को पाकिस्तान के नवनियुक्त प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही राजनीति के एक महीने के उठा पटक के बाद आज आखिर में पाकिस्तान के सियासी मैलोड्रामे का अंत हो गया. शहबाज शरीफ पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री के रूप में चुने गए हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्विट कर लिखा कि शहबाज शरीफ को पाकिस्तान के नवनियुक्त पीएम चुने जाने पर बधाई. पीएम मोदी ने आगे कहा कि, “आपको बधाई, भारत चाहता है कि क्षेत्रीय सीमाएँ आतंकवाद से मुक्त हो और वहां शांति और स्थिरता रहे. “शहबाज शरीफ को ट्विटर के जरिये भेजे शुभकामना संदेश में पीएम मोदी ने लिखा, ‘भारत चाहता है कि क्षेत्र आतंकवाद से मुक्त हो और यहां शांति और स्थिरता की बहाली हो.

पाकिस्तान के नवनियुक्त प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री मोदी को उनके माध्यम से दिए गए शुभकामना संदेश के बदले में धन्यवाद कहा है. शरीफ ने अपने संदेश में कहा कि वो भारत के साथ शांतिपूर्ण और मजबूत संबंध बनाना चाहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि वो भारत के साथ शांतिपूर्वक से जम्मू कश्मीर समेत सभी संवेदनशील मुद्दों को सुलझाना चाहते हैं. क्योंकि हमने आतंकवाद की आग में बहुत कुछ खोया है अब वो शांति स्थापित करना चाहता है. पाकिस्तान भी भारत के साथ प्रगति के रास्ते पर चलना चाहता है.
आपको बताते चले कि पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ को सीनेट के महासचिव सादिक संजरानी ने प्रधानमंत्री की शपथ दिलाई है. वैसे पकिस्तान में राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को शपथ दिलाता है, लेकिन राष्ट्रपति आरिफ अल्वी शपथ दिलवाने वाले थे. तबीयत खराब’ होने के कारण वह शपथ दिलाने के लिए नेशनल असेंबली में नहीं पहुँच पाएं. वैसे अल्वी अविश्वास प्रस्ताव के जरिये अपदस्थ किए गए इमरान खान की पार्टी के सदस्य रहे हैं. तबीयत खराब होने की वजह से अल्वी की जगह सादिक संजरानी ने शहबाज को शपथ दिलाई. इसके बाद अपने पहले संबोधन में उन्होंने भारत के साथ रिश्ते सुधारने के साथ-साथ कश्मीर का राग भी अलापा था. उन्होंने कहा था कि शरीफ सरकार में भारत के साथ रिश्ते बेहतर हुए थे. लेकिन इस सरकार ने भारत से काफी दुरी बना दी थी, अब हम भारत के साथ शांतिपूर्वक बातचीत कर मामलों को सुलजायेंगे.
