PM Kisan : 42 लाख से ज्‍यादा किसान ‘अपात्र’,अब केंद्र सरकार करेगी 3,000 करोड़ की वसूली

24 Jul, 2021
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नई दिल्ली: केंद्र सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना में गड़बड़ी हो रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक 42 लाख से अधिक अयोग्य किसानों के बैंक अकाउंट में 2900 करोड़ रुपए से ज्यादा ट्रांसफर किए गए हैं। ये वो किसान हैं जो PM-KISAN स्कीम की शर्तों को पूरा नहीं करते हैं। 

42.16 लाख अयोग्य किसानों से कुल 2992.75 करोड़ की होगी रिकवरी

केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, 42.16 लाख अयोग्य किसानों से कुल 2992.75 करोड़ रुपए की रिकवरी करनी है. सबसे अधिक रक असम के किसानों से वसूल की जाएगी. आंकड़ों के मुताबिक, असम के कुल 8.35 लाख अयोग्य किसानों से 554.01 करोड़ रुपए की रिकवरी होगी. इसके अलावा पंजाब से 437.9 करोड़, महाराष्ट्र से 357.9 करोड़, तमिलनाडु से 340.56 करोड़ और उत्तर प्रदेश से 258.64 करोड़ रुपए की वसूली की जानी है.

तीन किस्त में प्रत्येक वर्ष दिए जाते हैं 6000 रुपए

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत सरकार सालाना 6 हजार रुपए देती है। ये रकम चार माह में एक बार मिलती है। साल 2019 में शुरू हुई इस योजना की आठ किस्तें आ चुकी हैं। बीते मई महीने में योजना के तहत 9 करोड़ 50 लाख लाभार्थी किसानों को 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम ट्रांसफर की गई थी। इसके तहत हर लाभार्थी किसानों के अकाउंट में 2 हजार दिए गए।

एक लिखित उत्तर में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सदन को बताया कि पीएम किसान योजना में लगातार सत्यापन का काम चलता रहता है और गलतियों को सुधारा जाता है. असली किसानों को ही योजना का लाभ मिले, इसके लिए आधार, इनकम टैक्स डेटाबेस और पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएमएफएस) के जरिए सत्यापन का काम किया जाता है. मंत्री ने कहा कि सत्यापन के दौरान पता चला कि कुछ अयोग्य किसानों को भी योजना का लाभ मिल रहा है और इसमें आयकर दाता किसान भी शामिल हैं.

वसूली के लिए बनाई गई है गाइडलाइंस

तोमर ने कहा कि जब राज्य सरकारों से पंजीकृत किसानों के सत्यापित डेटा पीएम किसान पोर्टल पर प्राप्त होते हैं, तब उनका आधार और पीएमएफएस के जरिए सत्यापन किया जाता है. इसके बाद डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर स्कीम के जरिए पीएम किसान निधि की किस्त सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजी जाती है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वास्तविक किसानों को योजना का लाभ मिले और धन का दुरुपयोग न हो, इसके लिए सरकार ने विशेष उपाय किए हैं.

उन्होंने कहा कि अयोग्य किसानों से रिकवरी करने के लिए एक गाइडलाइंस बनाई गई है. उसी के तहत किसानों से वसूली की जाएगी. उन्होंने बताया कि पंजीकरण और सत्यापन के लिए भी राज्य सरकार को एडवाइजरी जारी की गई है.ये दिशा-निर्देश इनकम टैक्स देने वाले किसानों की पहचान कर उनकी लिस्ट राज्यों को भेजने के लिए जारी किए गए हैं. इसके अलावा, राज्यों को पीएम-किसान लाभार्थियों के फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए भी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. साथ ही पीएम-किसान सम्मान निधि योजना के तहत राज्यों को किसानों के पंजीकरण और सत्यापन के दौरान उपायों को अपनाने के लिए कहा गया है.

नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सबसे ज्यादा राशि असम और उसके बाद पंजाब व महाराष्ट्र के किसानों से वसूली जानी है. दिलचस्प बात तो ये है कि पश्चिम बंगाल जहां मई 2021 में यह योजना लागू की गई है, वहां से भी इस योजना के तहत अपात्र किसानों के खाते में पैसे पहुंचे हैं. हालांकि, इसमें कई और राज्य भी शामिल हैं, जिनसे करोड़ों रुपये की राशि की रिकवरी की जानी है.

असम से-554.01 करोड़ रुपये

पंजाब से- 437.9 करोड़ रुपये
महाराष्ट्र से- 357.9 करोड़ रुपये
तमिलनाडु से- 340.56 करोड़ रुपये
उत्तर प्रदेश से- 258.64 करोड़ रुपये
मध्य प्रदेश से- 195.9 करोड़ रुपये
राजस्थान से- 144.1 करोड़ रुपये
कर्नाटक से- 129.32 करोड़ रुपये
पश्चिम बंगाल से- 76000 रुपये रुपये

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