भारतीय विश्लेषकों का कहना है कि डिफेंस में साझेदारी के अलावा पीएम बोरिस जॉनसन मुक्त व्यापार समझौते पर भी चर्चा करेंगे. अनुमान लगाया जा रहा है कि ब्रिटेन 2035 तक भारत से 36.5 अरब डॉलर तक अपना व्यापार बढ़ाना चाहता है.
नई दिल्ली: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन आज भारत में दो दिवसीय यात्रा पर हैं वह अपनी यात्रा के पहले दिन ही अहमदाबाद पहुंचें जहां उनका भव्य स्वागत हुआ. वहीं दूसरी ओर शुक्रवार के दिन दिल्ली में वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. माना जा रहा है कि इस मुलाकात का मकसद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है. रक्षा से सम्बंधित विश्लेषकों का कहना है कि दोनों देश रक्षा और व्यापार के क्षेत्र में अपने संबंधों को और आगे ले जाना चाहते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की भारत यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध अपने चरम पर है. इससे पहले बोरिस जॉनसर यूक्रेन की राजधानी कीव की सड़कों पर घूमते भी दिखे थे. हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी और बोरिस जॉनसन के बीच रूस-यूक्रेन मामले पर चर्चा होने की संभावना बहुत कम है. इस मुलाकत सिर्फ देशों के बीच अच्छे सम्बन्ध और व्यापार पर जोर देने पर होगी.

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व्यापारिक समझौते पर होगा जोर
ब्रिटेन को भारत में निवेश की बड़ी संभावनाएं दिख रही हैं, इसलिए वो भारत का एक बड़ा व्यापारिक साझेदार बनना चाहता है. आज हो सकता है कि बोरिस अपने गुजरात दौरे में विज्ञान, हेल्थ एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में निवेश की घोषणा कर सकते हैं. भारतीय विश्लेषकों का कहना है कि डिफेंस में साझेदारी के अलावा जॉनसन मुक्त व्यापार समझौते पर भी चर्चा करेंगे. अनुमान लगाया जा रहा है कि ब्रिटेन 2035 तक भारत से 36.5 अरब डॉलर तक अपना व्यापार बढ़ाना चाहता है.

सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इस सदी की शुरुआत में ब्रिटेन भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार था. लेकिन फिलहाल वह 17वें नंबर पर है. भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार अमेरिका, चीन और संयुक्त अरब अमीरात है. ऐसे में अब जब ब्रिटेन को भारत में कुछ अच्छी संभावनाएं देखने को मिल रही है तो अब ब्रिटेन एक बार फिर भारत के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को सुधारने की योजना बना रहा है.
शांति पर हो सकती है क्या बातचीत?
मीडिया ने कई पूर्व आयुक्तों से सवाल पूछे कि क्या जॉनसन और मोदी की बातचीत के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान निकालने पर कोई चर्चा हो सकती है, तो उन्होंने कहा कि कहा कि दो प्रधानमंत्रियों के बीच चर्चा किस प्रकार होगी, यह पहले बता पाना संभव नहीं है. चर्चा के आयाम विविध हो सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी साफ कह चुके हैं कि रूस-यूक्रेन के बीच शांति स्थापित करने के लिए भारत कोई भी भूमिका निभाने को तैयार है.

पीएम बोरिस, एस. जयशंकर से करेंगे मुलाकात
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी बातचीत करेंगे. गुजरात में ब्रिटिश पीएम जॉनसन बड़े निवेश का ऐलान कर सकते हैं. इससे दोनों देशों में रोजगार और विकास को बढ़ावा मिलेगा. पीएम मोदी और बोरिस जॉनसन के बीच हरित प्रौद्योगिकी और हरित तकनीक के लिए जरूरी फंड जुटाने पर भी बातचीत होने की संभावना है.
