नई दिल्ली : केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, कपड़ा, उपभोक्ता मामले एवं खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने आज इस्पात निर्माताओं से छोटे उद्योगों तथा निर्यातकों को राहत प्रदान करने की संभावनाओं की खोज करने की अपील की।
आज यहां इस्पात उद्योग के प्रतिभागियों तथा उद्योग के वास्तविक उपयोगकर्ताओं के बीच एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का आयोजन इस्पात इनपुट कीमतों के बारे में छोटे उद्योगों तथा निर्यातकों द्वारा उठाये गए मुद्दों के समाधान के लिए किया गया था।
इस अवसर पर,गोयल ने कहा कि इस्पात की सरल तथा किफायती आपूर्ति के लिए एमएसएमई की आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरुरत है। उन्होंने इस्पात उद्योग के हितधारकों से विनिर्माण लागतों का आकलन करने तथा इस्पात का कंपोनेंट के विनिर्माण तथा अन्य इंजीनियरिंग उत्पादों के लिए इनपुट के रूप में उपयोग करने वाले छोटे उद्योगों को राहत प्रदान करने की संभावनाओं की खोज करने की अपील की।
इस्पात उद्योग के हितधारकों ने छोटे तथा मझोले उद्यमों एवं निर्यातकों की सहायता करने का इरादा प्रदर्शित किया। उन्होंने छोटे उद्यमों और निर्यातकों को विशेष रूप से महामारी के बाद उनकी चुनौतियों का सामना करने के लिए वहनीय समाधानों की खोज करने का आश्वासन दिया।
इस बैठक में केंद्रीय इस्पात मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह, एमएसएमई मंत्री नारायण तातु राणे, सेल की अध्यक्ष सोमा मोंडल, राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के सीएमडी अतुल भट्ट, जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड के सीएमडी सज्जन जिंदल, टाटा स्टील के सीईओ तथा एमडी टी. वी नरेन्द्रन, भारतीय निर्यातक संगठनों के संघ (एफआईईओ) के डीजी एवं सीईओ डॉ. अजय सहाय, ऑटो कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरर्स (एसीएमए) के मोहित जौहरी, ईईपीसी के अध्यक्ष महेश देसाई, अखिल भारतीय साइकिल संघ के महासचिव डॉ. के बी ठाकुर तथा संबंधित मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।