सरकार की राज्य स्वास्थ्य योजना (गोल्डन कार्ड) को छोड़ चुके पेंशनर्स को अब चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा मिलेगी। कैबिनेट ने स्वास्थ्य विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे राज्य में हजारों पेंशनर्स को सीधा लाभ होगा। सरकार ने सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स के लिए राज्य स्वास्थ्य योजना शुरू की है। इस योजना को गोल्डन कार्ड के नाम से भी जाना जाता है। योजना के तहत एक तय अंशदान देकर देश के प्रमुख अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा मिलती है, लेकिन कुछ पेंशनर्स ने योजना के तहत पर्याप्त सुविधाएं न मिलने की शिकायत की थी।
योजना के विरोध में पेंशनर्स ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की। जिस पर हाईकोर्ट ने सरकार को पेंशनर्स को योजना से जुड़े रहने या बाहर निकलने का विकल्प देने के आदेश दिए थे। इस पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने विज्ञापन जारी किया और फिर 32240 पेंशनर्स ने योजना छोड़ने का विकल्प भरा, लेकिन उसके बाद से पेंशनर्स को चिकित्सा प्रतिपूर्ति का भुगतान नहीं हो पा रहा था। प्रमुख फैसले: ● राज्य की नई आबकारी नीति को मंजूरी
● गोल्डन कार्ड योजना छोड़ चुके पेंशनर्स को चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा
● आईटीआई के छात्रों को भी मिलेगी ड्रेस
● मेधावी छात्रों को देश के टॉप संस्थानों में पढ़ाई पर प्रोत्साहन
● एक्सरे टेक्नीशियन संवर्ग के ढांचे का पुनर्गठन
● उत्तराखंड प्राइवेट सुरक्षा अभिकरण नियमावली में बदलाव
● राज्य के न्यायिक अधिकारियों को पुनरीक्षित भत्ते,सुविधाओं को मंजूरी
देहरादून में होगा विधानसभा सत्र उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र इस महीने के आखिर में देहरादून में आयोजित होगा। विधायकों की मांग और विधानसभा सचिवालय की ओर से आए प्रस्ताव के आधार पर कैबिनेट में यह निर्णय लिया गया है। मुख्य सचिव ने बताया कि विधानसभा सत्र इस माह के आखिर में दून में आयोजित होगा। हालांकि इसकी तिथि निर्धारित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को अधिकृत किया गया है। राज्य स्वास्थ्य योजना छोड़ने के बाद बड़ी संख्या में पेंशनर्स को इलाज के बदले चिकित्सा प्रतिपूर्ति नहीं मिल पा रही है। दरअसल विभिन्न विभागों के डीडीओ उनके बिलों को अनुमोदित ही नहीं कर रहे थे। गोल्डन कार्ड योजना शुरू होने के बाद पुराने जीओ निष्प्रभावी हो गए थे। ऐसे में अब सरकार ने नए सिरे से 2006 के जीओ के आधार पर चिकित्सा प्रतिपूर्ति देने के संबंध में निर्णय लिया है। इसके बाद बिल भुगतान का रास्ता खुल जाएगा।