चिनाब नदी पर भारत के प्रोजेक्ट्स से बौखलाया पाकिस्तान, जानिए क्या है पूरा मामला…

25 Apr, 2022
Sachin
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किश्तवाड़ में चिनाब नदी पर लगभग 5,300 करोड़ रुपये की लागत से 850 मेगावाट की परियोजना और उसी नदी पर 4,500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 540 मेगावाट की क्वार जलविद्युत परियोजना की भी आधारशिला रखी है.

नई दिल्ली: पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाली ही में हुई कश्मीर यात्रा पर आपत्ति जताई है. क्योंकि पीएम मोदी ने चिनाब नदी पर रतले और क्वार हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट की नींव रखीं है जिसके लिए पाकिस्तान को परेशानी हो रही है. पाकिस्तान का कहना है कि यह प्रोजेक्ट “सिंधु जल संधि” का सीधा उल्लंघन है.

आपको बताते चले कि अभी हाली में हुई जम्मू-कश्मीर यात्रा पर पीएम मोदी आर्टिकल 370 और धारा 35A को निरस्त करने के बाद ये पहली यात्रा थी इसी यात्रा के दौरान मोदी ने रतले और क्वार जलविद्युत परियोजनाओं की आधारशिला रखी है. किश्तवाड़ में चिनाब नदी पर लगभग 5,300 करोड़ रुपये की लागत से 850 मेगावाट की परियोजना और उसी नदी पर 4,500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 540 मेगावाट की क्वार जलविद्युत परियोजना की भी आधारशिला रखी है.

चिनाब नदी पर भारत ने दो परियोजनाओं का उद्घाटन किया इस पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने आपत्ति जताई है

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पीएम मोदी द्वारा चिनाब नदी पर, दो परियोजनाओं के ऐलान से बौखलाए पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने प्रधानमंत्री मोदी की कश्मीर यात्रा को घाटी में नकली और सामान्य स्थिति को दिखाने के लिए एक शातिर चाल बताया है. पकिस्तान के विदेश कार्यालय ने रविवार की रात को एक बयान में कहा कि पांच अगस्त 2019 के बाद से अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भारत द्वारा कश्मीर में वास्तविक अंतर्निहित मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए इस तरह के कई हताश प्रयासों को देखा है और साथ ही कश्मीर में चिनाब नदी पर रतेल और क्वार पनबिजली परियोजनाओं के निर्माण के लिए रखी आधारशिला पर भी पकिस्तान ने आलोचना दर्ज की है.

चिनाब नदी

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के दफ्तर ने कहा, ‘भारत द्वारा डिजाइन रतेल पनबिजली संयंत्र के निर्माण पर पाकिस्तान को हमेशा आपत्ति रही है. क्वार पनबिजली संयंत्र के लिए भारत ने अब तक पाकिस्तान के साथ जानकारी साझा करने का दायित्व पूरा नहीं किया है साथ ही पाकिस्तान ने भारत से आईडब्ल्यूटी के तहत अपने दायित्वों को पूरा करने और आईडब्ल्यूटी ढांचे के लिए हानिकारक कोई भी कदम उठाने से परहेज करने का आह्वान किया है.

पाकिस्तान का कहना है कि भारत ने संधि दायित्वों को नहीं निभाया

विदेश कार्यालय ने कहा कि भारत द्वारा डिजाइन रतेल पनबिजली संयंत्र के निर्माण पर पाकिस्तान को आपत्ति रही है, और क्वार पनबिजली संयंत्र के लिए भारत ने अब तक पाकिस्तान के साथ जानकारी साझा करने के अपने संधि दायित्व को पूरा नहीं किया है. विदेश कार्यालय ने कहा, “पाकिस्तान भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा दो परियोजनाओं की आधारशिला रखने को 1960 की सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) के सीधे उल्लंघन के रूप में देखता है.

क्या है सिंधु जल संधि

विश्व बैंक की मध्यस्थता में 1960 की सिंधु जल संधि पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने हस्ताक्षर किये गए थे. यह संधि दोनों देशों में बहने वाली सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी के उपयोग से संबंधित है.

सिन्धु नदी जो भारत और पाकिस्तान दोनों में बहती है
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