बिलासपुर: रायपुर के सेजबहार में 2017 में हुई एक चर्चित हत्या के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने चार आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि केवल हथियार की बरामदगी दोषसिद्धि का आधार नहीं बन सकती, अपराध करने का कोई स्थापित उद्देश्य साबित होना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने मोहम्मद यासीन, शेख गुफरान अहमद, मोहम्मद आसिफ अहमद और शेख समीर अहमद को बबलू उर्फ इरफान की हत्या के मामले में सभी आरोपों से मुक्त कर दिया। ट्रायल कोर्ट ने पहले इन्हें दोषी ठहराया था, लेकिन हाईकोर्ट ने साक्ष्यों के गंभीर विश्लेषण के बाद इन्हें बरी कर दिया।
मामला 15 जून 2017 का है 15 जून 2017 को शिकायतकर्ता ने बताया कि बबलू उर्फ इरफान एक पारिवारिक समारोह से लौट रहे थे, जब रायपुर के सेजबहार के पास मोटरसाइकिल सवार चार नकाबपोश लोगों ने उनकी कार को रोका और इरफान के सिर में गोली मार दी। पुलिस ने पुरानी रंजिश और शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनके पास से हथियार जब्त कर न्यायालय में चालान पेश किया। सत्र न्यायालय ने आरोपियों को सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील की।