नए लेबर कोड में इस बात का ध्यान रखा गया है कि प्राइवेट सेक्टर में नौकरी कर रहे लोगों को रिटायरमेंट के बाद पैसे की कमी ना हो, इसके लिए पीएफ में योगदान बढ़ाया जाएगा. बेसिक सैलरी का लगभग 50 फीसदी या उससे अधिक का योगदान पीएफ में किया जाएगा.
नई दिल्ली: हर महीने की शुरुआत में कई नियम बदल दिए जाते हैं. जिसका सीधा असर हमारी-आपकी जेब पर भी पड़ता है. ऐसे ही केन्द्र की मोदी सरकार एक जुलाई से बड़े बदलाव कर सकती है. जिसका असर करोड़ों नौकरी पेशा लोगों पर पड़ेगा. आपको बता दें कि, बहुप्रतिक्षित लेबर कोड (New Labour Code) को केन्द्र सरकार नोटिफाई या लागू कर सकती है. आइए जानते हैं कि अगर ये लेबर कोड लागू हुआ तो इसका आपके जीवन पर क्या प्रत्यक्ष असर पड़ेगा.
पीएफ में होगा इजाफा
नए लेबर कोड में इस बात का ध्यान रखा गया है कि प्राइवेट सेक्टर में नौकरी कर रहे लोगों को रिटायरमेंट के बाद पैसे की कमी ना हो, इसके लिए पीएफ में योगदान बढ़ाया जाएगा. बेसिक सैलरी का लगभग 50 फीसदी या उससे अधिक का योगदान पीएफ में किया जाएगा. इसका सीधा अर्थ यह हुआ कि आपकी इन हैंड सैलरी घट जाएगी. लेकिन परेशान होने की जरुरत नहीं है. आपका पैसा पीएफ अकाउंट में रहेगा. ग्रेज्युटी भी इससे पहले की तुलना में आपकी बढ़ जाएगी.
तीन दिन का वीकली ऑफ
नए लेबर कोड के लागू होने के बाद नौकरी करने वालों को सप्ताह में चार दिन ही दफ्तर जाना पड़ेगा और तीन दिन का वीकली ऑफ मिलेगा. हालांकि, आपको 8 या 9 घंटे की जगह 12 घंटे दफ्तर में काम करना होगा. नए कानून के अनुसार, किसी भी कर्मचारी को सप्ताह में 48 घंटे काम करने होंगे. मतलब ये कि आपको काम कम नहीं करना है, लेकिन दफ्तर 5 दिन की जगह चार दिन ही जाना होगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि छुट्टियों को लेकर एक और बड़ा बदलाव होगा. पहले किसी भी संस्थान में लंबी अवधि की छुट्टी लेने के लिए साल में कम से कम 240 दिन काम करना जरूरी होता था. लेकिन नए लेबर कोड के तहत आप 180 दिन (6 महीना) काम करने के बाद लंबी छुट्टी ले सकेंगे.

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महिलाओं के लिए प्रावधान
महिला श्रमिकों को उनकी सहमति से रात्रि में काम करने का अधिकार दिया जाएगा. संस्थान को महिला श्रमिकों को रात्रि में पर्याप्त सुरक्षा एवं सुविधाएं देने की व्यवस्था करनी होगी. महिला श्रमिकों को वेतन सहित मातृत्व अवकाश (Maternity Leave) 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह करने का प्रावधान किया गया है.

Edited By: Deshhit News