नेपाल के नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने इस बात की जानकारी दी है कि अफगानिस्तान में आए बड़े भूकंप की वजह से अभी भूगर्भिक प्लेटों में हलचल रहेगी. ऐसे में अब कुछ और भी झटके आने की संभावना जताई जा रही है.
नई दिल्ली: नेपाल में एक बार फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राजधानी काठमांडू से 161 किलोमीटर दूरी पर इसका केंद्र बताया जा रहा है. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.3 मापी गई. लेकिन सुकून बात यह रही है कि जान-माल के नुकसान की अभी कोई खबर नहीं आई है.
नेपाल के नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने इस बात की जानकारी दी है कि अफगानिस्तान में आए बड़े भूकंप की वजह से अभी भूगर्भिक प्लेटों में हलचल रहेगी. ऐसे में अब कुछ और भी झटके आने की संभावना जताई जा रही है. इस भूकंप का असर भारत के तराई इलाकों, यूपी और बिहार जैसे राज्यों में भी हुआ है. हालांकि अभी किसी तरह से नुकसान की कोई खबर नहीं मिली है.
आपको बता दें कि इससे पहले 21 जून को अफगानिस्तान में भूकंप ने भारी तबाही मचा दी थी. यहां 6.1 तीव्रता का भूकंप आया. इसके बाद चारों तरफ बर्बादी और तबाही का ही आलम दिखाई दे रहा था. अफगानिस्तान के लोकल मीडिया की माने तो भूकंप में अब तक 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. यह आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. वहीं 1500 से ज्यादा लोगों के घायल होने की भी सूचना मिली है.

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2015 में इसी इलाके में आया था भूकंप
नेपाल में 25 अप्रैल 2015 की सुबह भूकंप का जोरदार झटका महसूस किया गया था. उस समय बताते है कि भूकंप की तीव्रता 7.8 थी. भूकंप का केंद्र लामजुंग से 38 किलोमीटर दूर था और 15 किलोमीटर नीचे बताया गया था. इस भूकंप ने राजधानी काठमांडु समेत कई शहरों को तबाह कर दिया था. उस समय काठमांडू में कई बिल्डिंग मलवे के ढेर में तब्दील हो गई थी और कई लोगों की जान भी चली गई थी.
जानें क्यों आता है भूकंप?
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी होती हैं. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहते हैं. ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर कंपन करती रहती हैं और जब इस प्लेट में बहुत ज्यादा कंपन हो जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है.
Edited By: Deshhit News