नई दिल्ली, 12 अप्रैल 2024: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आज रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए, दो मुख्य भगोड़ों, अब्दुल मथीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाजिब को गिरफ्तार कर लिया है।
गहन जांच और गुप्त सूचना:
विस्फोट के बाद से NIA इस मामले की गहन जांच कर रही थी। एजेंसी ने कई संदिग्धों से पूछताछ की और डिजिटल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करते हुए इन दोनों आरोपियों का पता लगाया।
आरोपियों की भूमिका:
अब्दुल मथीन ताहा, इस विस्फोट की साजिश रचने वाला मास्टरमाइंड माना जाता है। वह आईएसआईएस के बेंगलुरु मॉड्यूल “अल हिंद” से जुड़ा था। ताहा ने विस्फोट की योजना बनाई और उसे अंजाम देने के लिए मुसाविर हुसैन शाजिब को जिम्मेदारी सौंपी। शाजिब ने ही कैफे में IED (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) रखा था।
विस्फोट का मकसद:
यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि विस्फोट के पीछे क्या मकसद था। NIA जांच जारी रखे हुए है और इस मामले में संलिप्त अन्य लोगों की तलाश कर रही है।
कानूनी कार्रवाई:
NIA ने दोनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 326 (गंभीर चोट पहुंचाने) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। उन्हें जल्द ही अदालत में पेश किया जाएगा।
यह गिरफ्तारी:
यह गिरफ्तारी NIA के लिए एक बड़ी सफलता है और यह दर्शाती है कि एजेंसी आतंकवाद और अन्य गंभीर अपराधों से जुड़े मामलों में गंभीर है।
NIA:
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भारत सरकार की एक केंद्रीय एजेंसी है जो आतंकवाद से संबंधित अपराधों की जांच करती है। यह एजेंसी 2008 में मुंबई हमलों के बाद बनाई गई थी।
निष्कर्ष:
रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में NIA की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई प्रशंसनीय है। यह गिरफ्तारी न केवल न्याय दिलाने में मदद करेगी बल्कि भविष्य में होने वाले आतंकवादी हमलों को रोकने में भी सहायक होगी।