नई दिल्ली : शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के साथ सबका प्रयास: सामूहिक भागीदारी पर आज एक वेबिनार का आयोजन किया। यह वेबिनार 17 सितंबर 2021 से 7 अक्टूबर 2021 तक सुशासन पर भारत सरकार द्वारा आयोजित वेबिनारों की श्रृंखला का एक हिस्सा था। केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल, उच्च शिक्षा सचिव संजय मूर्ति, यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर डीपी सिंह और मंत्रालय व यूजीसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस वेबिनार में हिस्सा लिया।
इस अवसर पर बोलते हुए, धर्मेंद्र प्रधान ने सुशासन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान, भारत दुनिया की मदद करने वाले अग्रणी देशों में से एक था। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए देश को और अधिक गौरवशाली भविष्य की ओर ले जाने के लिए अगले 25 साल महत्वपूर्ण होंगे।
केंद्रीय मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत बनाने में लोगों की भागीदारी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘जन-भागीदारी मोदी सरकार के शासन मॉडल का एक प्रमुख स्तंभ है।’
‘सबका प्रयास’ के लिए प्रधानमंत्री के आह्वान का उल्लेख करते हुए, उन्होंने सबका प्रयास की भावना को आगे बढ़ाने और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने पूरे भारत में नए स्वीकृत टेक्सटाइल पार्कों में, जो उचित दाम के साथ बेहतरीन गुणवत्ता वाले सामान उपलब्ध कराएगा, कौशल विकास केंद्र स्थापित करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया भारत को कुशल जनशक्ति के लिए एक भरोसेमंद भागीदार के रूप में देख रही है, जिसमें शिक्षा की अपार संभावनाएं हैं, जो विदेशी संस्थानों और छात्रों को अपने पसंदीदा अध्ययन गंतव्य के रूप में भारत आने के लिए आकर्षित करता है।
उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को स्थानीय स्वशासन, उच्च शिक्षण संस्थानों, छात्रों और भारत के नागरिकों से मिले लाखों सुझावों को साथ लेकर ‘सबका प्रयास’ का एक प्रमुख उदाहरण बताते हुए अपने विचार साझा किए। उन्होंने जोर देकर कहा कि एनईपी 2020 महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को पूरा करने में मदद करेगा, जहां ग्रामीण भारत में हर एक व्यक्ति शिक्षा और कौशल से सशक्त होगा।
सचिव, उच्च शिक्षा संजय मूर्ति ने सरकारी विभागों, गैर सरकारी संगठनों, नागरिक समाजों, निजी क्षेत्रों और सबसे महत्वपूर्ण आम आदमी की सामूहिक भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करते हुए एनईपी 2020 के महत्व और सुशासन के लिए इसके प्रबंधन पर प्रकाश डाला।
यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर डीपी सिंह ने अपने भाषण में माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिए नारे– सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के साथ भारत की शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता में सुधार के बारे में बात की। सचिव प्रो. रजनीश जैन ने स्वागत भाषण दिया।
सबका प्रयास: सामूहिक भागीदारी पर इस वेबिनार ने सुशासन पर चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए शैक्षणिक संस्थानों, मंत्रालयों के लोगों और शिक्षाविदों को एक मंच पर साथ लाने में मदद की। तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रो. आर. पी. तिवारी, कुलपति, पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय और पूर्व सदस्य- यूजीसी ने की। प्रो. नागेश्वर राव, कुलपति इग्नू, प्रो. राकेश मोहन जोशी, आईआईएफटी और प्रो. प्रकाश सिंह, दिल्ली विश्वविद्यालय ने तकनीकी सत्र को संबोधित किया।
सामूहिक प्रयास और इसे हासिल करने के लिए साझेदारी की भूमिका पर ध्यान देने के साथ वेबिनार में सुशासन के मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। यह चर्चा उन रणनीतियों पर केंद्रित थी, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सामूहिक साझेदारी को सक्षम बनाएगी और बढ़ावा देगी। वेबिनार में लोगों को सशक्त बनाने, शिक्षा प्रणाली में सुधार, गरीबी समाप्त करने, हमारे आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और आखिर में किसी को भी पीछे न छोड़ने के लिए सामूहिक साझेदारी का महत्व समझाया गया। वेबिनार में की गई चर्चाओं और विचारों से शिक्षा में सुशासन देने के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी।