मंकी पॉक्स के संदिग्ध मरीज को लेकर चल रही आशंकाओं और भय के बीच अब विराम लग गया है. क्योंकि मंगलवार को संदिग्ध मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आई है. बताया जा रहा है कि गाजयिबाद में यह बच्ची बिहार के पटना से बधिरपन का इलाज कराने आई थी.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मामले में नेगेटिव रिपोर्ट आई है. सैंपल पुणे में स्थित आईसीएमआर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को परीक्षण के लिए भेजा गया था. आपको बता दें कि, बीती 4 जून को गाजियाबाद में मंकीपॉक्स के जैसे लक्षण एक 5 साल की बच्ची में पाए गए थे. जिसकी जानकारी गाजियाबाद के सीएमओ (CMO) ने दी थी. गाजियाबाद के सीएमओ ने बताया था कि 5 साल की बच्ची के शरीर पर खुजली और रैशेज होने की शिकायत मिली है. जिसके बाद प्रशासन सतर्कता बरतते हुए मंकीपॉक्स की जांच के लिए उसके सैंपल लिए गए. साथ ही यह भी बताया गया कि उस लड़की को कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या नहीं है. न ही उसने और न ही उसके किसी करीबी रिश्तेदार ने पिछले 1 महीने में विदेश यात्रा की है.

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मंकी पॉक्स के संदिग्ध मरीज को लेकर चल रही आशंकाओं और भय के बीच अब विराम लग गया है. क्योंकि मंगलवार को संदिग्ध मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आई है. बताया जा रहा है कि गाजयिबाद में यह बच्ची बिहार के पटना से बधिरपन का इलाज कराने आई थी. यह बच्ची खुजली से बहुत परेशान थी और इसके शरीर पर लाल-लाल निशान पड़ रहे थे, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बच्ची के गले से नमूना लेकर जांच के लिए पुणे भेजा था. हालांकि इस बीमारी को लेकर जिला सर्विलांस अधिकारी राकेश गुप्ता ने पहले ही कह था कि बच्ची के शरीर पर जिस तरह के दाने या फुंसियां हैं, वह अधिक आम खाने की वजह से भी हो जाती है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स पर जारी किए दिशानिर्देश
आपको बता दें कि, कुछ देशों में मंकीपॉक्स के मामलों के बढ़ने की खबर के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते मंगलवार को सक्रियता दिखाते हुए देशभर में अग्रिम तैयारी सुनिश्चित करने के लिए मंकीपॉक्स रोग के प्रबंधन पर दिशानिर्देश’ जारी किए थे. इन दिशानिर्देशों के अनुसार, पोलीमरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) या सिक्वेंसिंग द्वारा वायरल डीएनए की यूनिक सिक्वेंसिंग का पता लगाकर मंकीपॉक्स वायरस के लिए एक कन्फर्म मामले की पुष्टि की जाती है. दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि सभी क्लीनिकल सैंपल्स को संबंधित जिले/राज्य के एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) नेटवर्क के माध्यम से ICMR-NIV (पुणे) की लैब में भेजा जाना चाहिए.

Edited By: Deshhit News