2008 बैच की IPS अधिकारी अलंकृता सिंह को सरकार ने निलंबित कर दिया है। वे महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन लखनऊ (1090) में पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात चल रही थीं. अलंकृता सिंह पर आरोप है कि वे बिना बताए विदेश में छुट्टी मनाने चली गई थीं. इसकी रिपोर्ट तलब होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए IPS अफ़सर अलंकृता सिंह को सस्पेंड कर दिया है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दूसरे कार्यकाल में सक्रिय होने के साथ-साथ मंत्रियों, और अधिकारियों पर भी सख्ती से नियमों का पालन करा रहे है। राज्य में कानून-व्यवस्था के मुद्दे को लेकर दूसरे कार्यकाल में सीएम योगी ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए है।

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इसी कड़ी में बुधवार को योगी सरकार ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। अपने काम के प्रति लापरवाही और अनुशासनहीनता बरतने पर 2008 बैच की IPS अधिकारी अलंकृता सिंह को सरकार ने निलंबित कर दिया है। वे महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन लखनऊ (1090) में पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात चल रही थीं. अलंकृता सिंह पर आरोप है कि वे बिना बताए विदेश में छुट्टी मनाने चली गई थीं. इसकी रिपोर्ट तलब होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए IPS अफ़सर अलंकृता सिंह को सस्पेंड कर दिया है.

ये वहीं अधिकारी हैं जो महीनों से लापता चल रही थीं. IPS अधिकारी अलंकृता सिंह 20 अक्टूबर से अपने दफ्तर से बिना अधिकारिक सूचना के गायब है। इसलिए उन पर ये कार्यवाही की गई है, राज्य में लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई का सिलसिला जारी है। योगी सरकार में यह दूसरा मामला है जब किसी IPS अधिकारी पे निलंबन की कार्रवाई हुई है। इससे पहले गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार को निलंबित किया गया था। राज्य सरकार का मानना था कि वे अपराध नियंत्रण में नाकाम रहे हैं। इसके बाद 31 मार्च को उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था।
आपको बता दें उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का अपराध, भ्रष्टाचार व लापरवाही को लेकर अफसरों के खिलाफ शुरू से ही कड़ा रुख रहा है। योगी 1.0 सरकार में साल 2017 से लेकर साल 2022 के दौरान करीब डेढ़ दर्जन आईपीएस और छह आईएएस को निलंबित किया गया था। सीएम योगी के दूसरे कार्यकाल में भी अधिकारियों के खिलाफ वहीं रवैया जारी है।