कर्नाटक हाईकोर्ट के जज एचपी संदेश ने कहा था कि आपका एसीबी के एडीजीपी एक शक्तिशाली व्यक्ति लगते हैं. इस टिप्पणी के बाद मुझे मेरे साथी जज ने कहा था कि इसके लिए मेरा तबादला किया जा सकता है. मैं अब अपने आदेश में तबादले की धमकी को भी दर्ज करूंगा.
नई दिल्ली: कर्नाटक हाईकोर्ट के जज एचपी संदेश ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के खिलाफ टिप्पणी करने पर ट्रांसफर की धमकी मिली है. साथ ही जज यह भी कहा था कि वह ऐसी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं. जज ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि एसीबी एक कलेक्शन सेंटर बन गया है. इस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा एक के बाद एक संस्थानों को ध्वस्त करने में लगी है.
राहुल गांधी ने किया विडियो ट्विट
जैसे ही इस मामले ने तूल पकड़ा तो उसके बाद ‘डरो मत’ हैशटैग के साथ अपने ट्वीटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी ने टिप्पणी करते हुए लिखा कि कर्नाटक में बीजेपी की भ्रष्ट सरकार का पर्दाफाश करने के लिए हाई कोर्ट के एक जज को धमकी दी गई है. भाजपा द्वारा लगातार संस्था दर संस्था पर बुलडोजर चलाया जा रहा है. हम सभी को निडर होकर अपना कर्तव्य निभाने वालों के साथ खड़ा होना चाहिए.
क्या बोले जज एच पी संदेश
इस पर कर्नाटक हाईकोर्ट के जज एचपी संदेश ने कहा था कि आपका एसीबी के एडीजीपी एक शक्तिशाली व्यक्ति लगते हैं. इस टिप्पणी के बाद मुझे मेरे साथी जज ने कहा था कि इसके लिए मेरा तबादला किया जा सकता है. मैं अब अपने आदेश में तबादले की धमकी को दर्ज करूंगा. उन्होंने कहा कि ऐसी धमकी यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए खतरा है. साथ ही जज ने कहा, मैं किसी से नहीं डरता. मैं बिल्ली को घंटी बांधने के लिए तैयार हूं. जज बनने के बाद मैंने संपत्ति जमा नहीं की है. मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता अगर मैं पद खो देता हूं. मैं एक किसान का बेटा हूं. मैं खेती करने के लिए तैयार हूं. मैं किसी राजनीतिक दल से संबंध नहीं रखता. मैं किसी भी राजनीतिक विचारधारा को नहीं मानता.

और यह भी पढ़ें- कुल्लू के मणिकर्ण में फटा बादल, हिमाचल में कई जगह बाढ़, 6 लोग लापता, कई घर पानी में बहे
उन्होंने यह टिप्पणी पिछले सप्ताह एसीबी और उसके कामकाज के खिलाफ बेंगलुरु शहर के उपायुक्त के कार्यालय में एक उप-तहसीलदार पी.एस.महेश की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कही थी. बताया जाता है कि कार्यालय के दो कर्मचारियों को भूमि विवाद को लेकर बदले में पांच लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. कोर्ट ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि कैसे वरिष्ठ अधिकारियों को बचाया जा रहा है और कनिष्ठ कर्मचारियों पर मुकदमा चलाया जा रहा है. इसी मामले में एसीबी ने सोमवार को आईएएस अफसर और बेंगलुरु शहर के पूर्व उपायुक्त मंजूनाथ जे को गिरफ्तार किया था.
Editted By: Deshhit News