भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में शुक्रवार को नई सड़क पर जुमे की नमाज के बाद भारी बवाल हो गया. विरोध में शामिल समुदाय विशेष के लोगों ने जबरन दुकानें बंद कराने के साथ-साथ दूसरे समुदाय के इलाकों में भी दाखिल हो गए. इससे दूसरे समुदाय के लोग भड़क गए और उनको खदेड़ने लगे. कुछ मिनट बाद दोनों तरफ से जमकर पत्थरबाजी शुरू हो गई.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के कानपुर में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों के विरोध में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद दुकानें बंद कराने के प्रयास किए गये, इसी दौरान दो समुदायों के लोगों ने एक-दूसरे पर पथराव और बम फेंके जाने के बाद कुछ इलाकों में हुई हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने अब तक कुल 36 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले में तीन प्राथमिकी भी दर्ज की गई है.
बताया जा रहा है कि दो एफआईआर पुलिस की तरफ़ से जबकि एक एफईआर घायल व्यक्ति की तरफ़ से लिखी गई है. 40 लोगों को नामज़द किया गया है और 1000 से ज़्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ़ एफईआर दर्ज़ की गई है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि सभी आरोपियों के ख़िलाफ़ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही होगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कानपुर हिंसा में 13 पुलिसकर्मी और दोनों पक्षों के 30 लोग घायल हुए हैं. जबकि पुलिस अभी जांच कर रही है जिसमें वीडियो फ़ुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है.

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भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में शुक्रवार को नई सड़क पर जुमे की नमाज के बाद भारी बवाल हो गया. विरोध में शामिल समुदाय विशेष के लोगों ने जबरन दुकानें बंद कराने के साथ-साथ दूसरे समुदाय के इलाकों में भी दाखिल हो गए. इससे दूसरे समुदाय के लोग भड़क गए और उनको खदेड़ने लगे. कुछ मिनट बाद दोनों तरफ से जमकर पत्थरबाजी शुरू हो गई. बताया जा रहा है कि एक पक्ष की तरफ से फायरिंग के साथ पेट्रोल बम भी फेंके गए. रात करीब सात बजे तक गलियों में इसी तरह से बवाल होता रहा. बमुश्किल पुलिस हालात काबू कर सकी. बवाल में 30 से अधिक घायल हुए हैं. 18 लोगों की गिरफ्तारी की गई है. 12 कंपनी पीएसी तैनात कर दी गई है. भाजपा प्रवक्ता ने कुछ दिन पहले एक टीवी डिबेट में एक बयान दिया था। जिसको लेकर एक समुदाय लगातार विरोध कर रहा है. शुक्रवार को नई सड़क पर हुए बवाल में उपद्रवियों ने यतीमखाने की तरफ से नई सड़क की ओर जुलूस निकाला.

पुलिस ने ज्ञापन लेकर भीड़ को हटाया
लोगों के प्रदर्शन की सूचना मिलते ही बरेली पुलिस ने मोर्चा संभाला और ज्ञापन लेकर भीड़ को हटा दिया. हालांकि, 10 जून को इस्लामियां ग्राउंड पहुंचने की अपील ने प्रशासन के हाथ-पांव जरूर फुला दिए हैं। जुमे की नमाज के दौरान मस्जिदों से अनाउंसमेंट कर लोगों को इस्लामियां ग्राउंड पहुंचने के लिए कहा गया.
शुक्रवार को कानपुर में हुई हिंसा के बाद सुरक्षा एजेंसियां बारीकी से इस बात की जांच कर रही हैं कि यह सोची-समझी साजिश के तहत हुई घटना तो नहीं है. उग्र भीड़ को इतनी बड़ी मात्रा में ईंट और पत्थर मिलना इस बात की ओर संकेत बताए जा रहे हैं कि इस उपद्रव की तैयारी पहले से कर ली गई थी. एडीजी प्रशांत कुमार ने साफ कर दिया है कि उपद्रवियों के साथ जो षडयंत्रकारी हैं उनके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही उनकी संपत्ति को भी जब्त या ध्वस्त कराया जाएगा.
Edited By: Deshhit News