भारत सरकार पर पाकिस्तान में हुई 20 से अधिक हत्याओं का आरोप !

06 Apr, 2024
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गार्जियन द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत सरकार ने आतंकवाद विरोधी रणनीति के तहत पाकिस्तान में हत्याओं का आदेश दिया है। रिपोर्ट में भारतीय और पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि 2020 से अब तक पाकिस्तान में अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा 20 हत्याएं की गई हैं, जिनमें आतंकी गतिविधियों से जुड़े लोगों को निशाना बनाया गया है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि:

भारतीय खुफिया एजेंसियों ने कथित तौर पर पाकिस्तान में हत्याओं को अंजाम देने के लिए संयुक्त अरब अमीरात में स्लीपर सेल संचालित किए।पाकिस्तानी अधिकारियों को भारत की टारगेटेड हत्याओं में संलिप्तता का संदेह है, लेकिन भारत ने इन आरोपों का खंडन किया है।

वर्ष 2019 में भारत के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने अपनी आतंकवाद के विरुद्ध रणनीति में बदलाव किया ,नई रणनीति के अन्तर्गत भारतीय खुफिया एजेंसी “रिसर्च एंड एनालिसिस विंग ( RAW)” ने दुनियां की सबसे बेहतरीन और खतरनाक एजेंसी इस्राइल की “मोसाद” के सामान ही भारत में हुए और होने वालें आतंकी हमलों के विरुद्ध निर्णायक कार्यवाही को शमिल किया।

भारत की खुफिया एजेंसी RAW ने देश विरोधी मामले में इजरायल की मोसाद और रूस की केजीबी जैसी खुफिया एजेंसियों से प्रेरणा ली है।ब्रिटेन की स्वतंत्र मीडिया संस्थान गार्जियन द्वारा कवर की गई यह स्टोरी भारत-पाकिस्तान संबंधों के लिए गंभीर परिणामों का संकेत देती है।इस रिपोर्ट में भारत की खुफिया एजेंसी रॉ के बारे में किए गए आश्चर्यजनक दावों की पुष्टि भारत ने अभी तक नहीं की।

हालांकि, यह रिपोर्ट कई महत्वपूर्ण प्रश्न उठाती है:

क्या भारत सरकार ने वास्तव में पाकिस्तान में छुपे आतंकवादी हत्याओं का आदेश दिया है? यदि हां, तो यह रणनीति कितनी प्रभावी होगी?क्या यह रणनीति भारत से पकिस्तान कनाडा ब्रिटेन और अमेरिका संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

पूर्व में भीं कनाडा ब्रिटेन इन सवालों का जवाब अभी तक नहीं है।

लेकिन यह रिपोर्ट निश्चित रूप से भारत और पाकिस्तान दोनों सरकारों के लिए चिंता का विषय है।

विदेशों में किए जानें वालें इस प्रकार के खुफिया ऑपरेशन को कोई भीं देश स्वीकार नहीं करता हैं।

इस रिपोर्ट के प्रकाश में आने से भारत के विदेशी संबंधों पर नजर रखी जानी चाहिए।

इस सनसनीखेज खुलासे से भारत में चल रहे चुनाव में क्या असर पड़ेगा यह देखना भीं रोचक तथ्य होगा।

अतिरिक्त टिप्पणी:

गार्जियन ब्रिटेन की स्वतंत्र मीडिया संस्थान हैं , इसलिए इसकी रिपोर्ट को हल्के में नहीं लिया जा सकता है।

रिपोर्ट में किए गए दावों की पुष्टि स्वतंत्र रूप से नहीं हुई है, इसलिए उन्हें सावधानी के साथ लिया जाना चाहिए।

यह रिपोर्ट भारत के विदेशी संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकती है।

यह रिपोर्ट निश्चित रूप से आने वाले दिनों में राजनीतिक और कूटनीतिक बहस का विषय बनेगी।

संदीप उपाध्याय

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