दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि यह महिलाओं के अधिकारों के खिलाफ है.” डीसीडब्ल्यू ने एक बयान में बताया कि उसने इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक को भी पत्र लिखा है.
नई दिल्ली: इंडियन बैंक ने अभी हाली में 3 महीने से अधिक की गर्भवती महिलाओं को ड्यूटी के लिए आयोग्य बताया है. गौरतलब है कि इससे पहले एसबीआई ने भी इस तरह का निर्देश जारी किया था जो तीन या तीन से अधिक महीने की गर्भवती महिलाओं को सेवा में शामिल होने से रोकता है. अब इस मामले में दिल्ली महिला आयोग ने इंडियन बैंक को एक नोटिस जारी कर अपने भर्ती दिशा निर्देशों को वापस लेने की मांग की है. वहीं, दूसरी ओर दिल्ली महिला आयोग ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर को भी इस मामले पर पत्र लिखकर तत्काल प्रभाव से हस्तक्षेप करने की मांग की है. साथ ही इंडियन बैंक को दिल्ली महिला आयोग की तरफ से 23 जून तक इस मामले की पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया है.

डीसीडब्ल्यू की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने की आलोचना
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि यह महिलाओं के अधिकारों के खिलाफ है.” डीसीडब्ल्यू ने एक बयान में बताया कि उसने इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक को भी पत्र लिखा है. डीसीडब्ल्यू की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पैनल ने इंडियन बैंक द्वारा कर्मचारियों की भर्ती खासकर महिलाओं के लिए जो नए दिशानिर्देश जारी किए जाने से सम्बंधित मीडिया रिपोर्ट का तत्काल प्रभाव से संज्ञान लिया है. आयोग ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक द्वारा हाल में जारी एक परिपत्र के तहत नियत प्रक्रिया के माध्यम से चुने जाने के बावजूद उन महिलाओं को सेवा में शामिल होने से रोक दिया गया है, जो तीन महीने से अधिक की गर्भवती हैं.
आरबीआई के गवर्नर दिए पत्र में क्या लिखा?
आरबीआई को दिए गए अपने नोटिस में महिला आयोग ने कहा कि इंडियन बैंक की कथित कार्रवाई अवैध है. डीसीडब्ल्यू ने कहा कि बैंक की कथित कार्रवाई भेदभावपूर्ण और अवैध है, क्योंकि यह सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 के तहत प्रदान किए गए मातृत्व लाभों के विपरीत है. वहीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने आरबीआई के गवर्नर को पत्र लिखकर कहा कि इंडियन बैंक ने महिला विरोधी दिशा-निर्देश जारी किए हैं, इन्हें रोकने की आवश्यकता है.

बैंक के इस कदम की हुई आलोचना
बैंक के इस कदम की विभिन्न संगठनों ने कड़ी आलोचना की है, लेकिन उसने अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की और इन नए दिशा निर्देशों को तत्काल प्रभाव से वापिस लेने की मांग की थी.
Edited By: Deshhit News