नरेला सेक्टर 6, बाहरी उत्तरी दिल्ली: में एक लड़की डॉक्टर को रिपोर्ट दिखाने जा रही थी, जब एक मनचले ने उसे छेड़ दिया। लड़की ने साहस दिखाते हुए मनचले के मुंह पर थप्पड़ जड़ दिया और अपने घर लौट आई। लेकिन मनचला अपने कुछ साथियों के साथ उसके घर पहुंचा और घर में घुसकर लड़की और उसके परिवार के साथ जमकर मारपीट की।
मनचले और उसके साथियों ने लड़की को सड़क पर घसीटा और पार्क की ग्रिल से लगाकर पीटा, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई। उसे सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन पीड़ित परिवार को ना तो एंबुलेंस मिली और ना ही पुलिस की सहायता।
दिल्ली पुलिस पर सवाल: घटना के बाद परिवार ने पीसीआर पर कॉल की, लेकिन नरेला थाने से पहुंचे पुलिसकर्मी ने उल्टा परिवार पर दबाव बनाने की कोशिश की। परिवार का कहना है कि उन्हें झगड़ा खत्म करने के लिए कहा गया, लेकिन लड़की को देर रात से ही एंबुलेंस नहीं मिली। अगले दिन दोपहर करीब 1 बजे परिवार ने निजी वाहन से लड़की को सफदरजंग अस्पताल पहुंचाया।
सरकारी दावे और हकीकत: केंद्र सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा देती है और दिल्ली सरकार महिला सुरक्षा के दावे करती है, लेकिन नरेला में इन दावों की धज्जियां उड़ती नजर आईं। बाहरी उत्तरी दिल्ली के जिला उपयुक्त ने कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। पीड़ित परिवार पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है कि वे दूसरे पक्ष से समझौता कर लें।
घटना की चश्मदीद: घटना के वक्त वहां मौजूद एक महिला ने लड़की को छुड़ाने की कोशिश की। महिला ने पूरे घटनाक्रम को बताया और सवाल उठाया कि दिल्ली में महिलाएं कहां सुरक्षित हैं। क्या सरकारें किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रही हैं?
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रिपोर्टर प्रदीप सिंह उज्जैन