गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी और भाजपा के खिलाफ करीब दो दशक से दुष्प्रचार चल रहा है. उन्होंने कहा कि ‘सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपों को खारिज किया है. आप कह सकतें हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने ये सिद्ध कर दिया है कि सभी आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित थे.
नई दिल्ली: गुजरात दंगों पर सुप्रीम कोर्ट अपने फैसल में जकिया जाफरी की याचिका ख़ारिज करने के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार यानी 25 जून को न्यूज एजेंसी एनएआई को अपना एक इंटरव्यू देते हुआ कहा कि इस मामले में लंबी लड़ाई के बाद सत्य सोने की तरह बाहर आया है. उन्होंने आगे कहा कि मामले में झूठे आरोपों से 19 सालों तक मोदीजी को दर्द झेलते देखा है. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 18-19 साल की लड़ाई, देश का इतना बड़ा नेता एक शब्द बोले बगैर सभी दुखों को भगवान शंकर की तरह विष अपने गले से उतारकर सहन कर लड़ते रहे हैं. मैंने मोदी जी को नजदीक से इस दर्द को झेलते हुए देखा है. क्योंकि न्यायिक प्रक्रिया चल रही थी तो सब कुछ सत्य होने के बावजूद भी हम कुछ नहीं बोलेंगे.. बहुत मजबूत मन का आदमी ही ये स्टैंड ले सकता है.

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गुजरात के दंगे के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगे आरोपों को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताते हुए अमित शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. आप कह सकते हैं कि इस फैसले ने ये सिद्ध किया है कि सभी आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित थे.

मोदी और बीजेपी के खिलाफ दुष्प्रचार
आगे उन्होंने ये भी कहा कि मोदी और भाजपा के खिलाफ करीब दो दशक से दुष्प्रचार चल रहा है. उन्होंने कहा कि ‘सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपों को खारिज किया है. आप कह सकतें हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने ये सिद्ध कर दिया है कि सभी आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित थे.
सुप्रीम कोर्ट ने आरोपों ख़ारिज किया
शाह ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. आप कह सकतें हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने ये सिद्ध कर दिया है कि सभी आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित थे. मोदी जी से भी पूछताछ हुई थी लेकिन तब किसी ने धरना-प्रदर्शन नहीं किया था और हमने कानून को सहयोग दिया और आपको मालूम हो कि उस वक़्त मेरी भी गिरफ़्तारी हुई थी लेकिन कोई भी धरना-प्रदर्शन नहीं हुआ था. जिन लोगों ने मोदी जी पर आरोप लगाए थे अगर उनकी अंतरात्मा है तो उन्हें मोदी जी और बीजेपी नेताओं से माफी मांगनी चाहिए.
हमने तो उसी दिन सेना बुला ली थी
गुजरात दंगों में सेना को नहीं बुलाने के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि हमने कोई लेटलतीफी नहीं किए थे, जिस दिन गुजरात बंद का एलान हुआ था उसी दिन हमने सेना को बुला लिया था. उस वक़्त की गुजरात सरकार ने एक दिन की भी देरी नहीं की थी और कोर्ट ने भी इसको माना है. उन्होंने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली में सेना का मुख्यालय है, जब इतने सारे सिख भाइयों को मार दिया गया, 3 दिन तक कुछ नहीं हुआ. कितनी एसआईटी बनी? हमारी सरकार आने के बाद एसआईटी बनी. ये लोग हम पर आरोप लगा रहे हैं?
Edited By: Deshhit News