Hijab ban: कर्नाटक के मुख्य न्यायाधीश को मिली जान से मारने की धमकी

20 Mar, 2022
Deepa Rawat
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कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले मे कहा गया था कि हिजाब एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है. जिसके बाद, हिजाब प्रतिबंध के खिलाफ राज्य के कई हिस्सों में हिंसक विरोध हुए.

नई दिल्ली: हिजाब मुद्दे पर फैसले को लेकर कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को कथित रूप से जान से मारने की धमकी मिली है. जिसके आरोप में विधान सौधा पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। इस बीच, तमिलनाडु पुलिस ने सोशल मीडिया और स्थानीय समाचार चैनलों पर वीडियो वायरल होने के बाद आरोपी कोवई आर रहमतुल्लाह, जो कोयंबटूर निवासी है, को दो समूहों के बीच दुश्मनी पैदा करने और सार्वजनिक शांति भंग करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया है।

FIR में, वकील उमापति एस ने आरोप लगाया कि उन्हें व्हाट्सएप पर एक वीडियो मेसेज मिला जिसमें मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी को “हत्या की खुली धमकी” दी गई थी। दरअसल, वकील को सुबह 9:45 बजे व्हाट्सएप पर तमिल भाषा में एक वीडियो मेसेज मिला जीसे सुनने के बाद वो हत्या और उसके लक्ष्य के खुले खतरे को जानकर चौंक गए. जिसके बाद उनहोने तुरंत (उच्च न्यायालय) रजिस्ट्रार से संपर्क किया। वकील ने बताया कि वीडियो, तमिलनाडु के मदुरै जिले में हुए एक खुली सार्वजनिक बैठक की है जहां स्पीकर झारखंड राज्य में यात्रा के दौरान हुए माननीय न्यायाधीश की हत्या का उल्लेख करता है।” 

बता दें, झारखंड में पिछले साल जुलाई में एक ऑटोरिक्शा ने जानबूझकर एक जज को कुचलकर मार डाला था, जो सीसीटीवी में कैद हो गया था. फीर इस मामले को CBI ने अपने हाथ में लिया था। और अब कर्नाटक के मुख्य न्यायाधीश को भी वैसे ही मारने की धमकी देते हुए स्पीकर कहता है कि लोगों को पता है कि मुख्य न्यायाधीश घूमने के लिए कहां जाते हैं।

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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि “हम मामले को मदुरै पुलिस को सौप देंगे क्योंकि यह घटना तमिलनाडु में हुई थी और वही आगे की जांच करेंगे। रिपोर्ट्स की माने तो, तमिलनाडु तौहीद जमात (टीएनटीजे) नामक एक इस्लामी संगठन से संबंधित आरोपी रहमतुल्ला ने 17 मार्च को एक कार्यक्रम में भाषण दिया और एक खुली धमकी दी कि अगर हिजाब मामले के फैसले पर न्यायाधीश मारे जाते हैं, तो वे इसके लिए खुद जिम्मेदार होंगे.

मालूम हो, कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले मे कहा गया था कि हिजाब एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है. जिसके बाद, हिजाब प्रतिबंध के खिलाफ राज्य के कई हिस्सों में हिंसक विरोध हुए. हालांकि, मंगलवार को कक्षाओं में हिजाब पर प्रतिबंध का समर्थन देखने को मिला था।

वहीं, खतरे की आशंका के बाद, न्यायाधीशों की सुरक्षा को और बढ़ा दिया गया है।

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