हरिद्वार की बेटी अदिति तोमर ने UPSC में 247वीं रैंक हासिल कर किया हरिद्वार का नाम रोशन: सपनों की उड़ान, कठिन परिश्रम का परिणाम

18 Apr, 2024
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हरिद्वार, 18 अप्रैल 2024: 27 वर्षीय अदिति तोमर, कनखल क्षेत्र की निवासी, ने “संघ लोक सेवा आयोग” (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 2023 में 247वीं रैंक हासिल कर हरिद्वार का नाम रोशन किया है।

शिक्षा और करियर:

अदिति ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस), हरिद्वार से प्राप्त की।

उन्होंने राजस्थान के पिलानी स्थित प्रख्यात बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटीएस) से B.Tech. की डिग्री हासिल की।

स्नातक होने के बाद, उन्होंने सिस्को जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्य करना शुरू किया।

प्रशासनिक सेवा की प्रेरणा और तैयारी:

बचपन से ही देश की सेवा करने की भावना से प्रेरित, अदिति ने हमेशा सिविल सेवा में प्रवेश करने का सपना देखा था।

नौकरी करते हुए व्यस्त समय के बावजूद, उन्होंने अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अटूट संकल्प और कठोर परिश्रम का परिचय दिया।

दो बार असफल होने के बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार प्रयास करते हुए अपनी कमजोरियों पर काम किया।

तीसरे प्रयास में, अदिति ने अपनी मेहनत और लगन का फल प्राप्त किया और UPSC जैसी कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की।

सफलता का श्रेय:

अदिति अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता,  और अपने भाई, उत्कर्ष तोमर, जो एक आईपीएस अधिकारी हैं, को देती हैं।

उन्होंने कहा कि उनके परिवार ने सदैव उनका समर्थन और मार्गदर्शन किया, जिससे उन्हें प्रेरणा मिली और वे अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर सकीं।

बाइट – अदिति तोमर, यूपीएससी एस्पेरेंट

VO 1 सफलता पाने के बाद तो अच्छा ही लग रहा है एवं माय पेरेंट्स इमोशनल यस्टरडे और सफलता आसानी से तो नहीं मिली 3 साल लग गए बट सबर का फल मीठा था।

बाइट –  पिता (अदिति तोमर)

VO 2. यूपीएससी में बेटी की सफ़लता का वह पल अत्यंत भावुक पल था जिसे  शायद शब्दों में व्यक्त करना संभव नहीं हैं। यह सुन कर बस बेटी को गले लगा उसे आशीर्वाद दिया और भगवान को धन्यवाद किया। यूपीएससी की तैयारी करने वालें अन्य प्रतियोगी छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए संदेश दिया की ऐसी परीक्षाओं के लिए धैर्य अत्यंत आवश्यक है लक्ष्य पर केंद्रित गहन अध्ययन एवम् विषय को बार बार पढ़ने से सफ़ल होने की संभावना बढ़ जाती हैं।

बाइट – माता (अदिति तोमर)

VO 3 रिज़ल्ट में बेटी की सफ़लता सुन कर अत्याधिक प्रसन्नता हुई और खुशी में रोने लगी, अपने भगवान् को हमने बहुत धन्यवाद दिया क्यूकी भगवान ने हमरी प्रार्थना सुनी और जीवन में यह सुनहरा पल दिया कि मेरी बेटी परीक्षा में सफ़ल हुई। यूपीएससी जैसी परीक्षा की तैयारी करने वाले सभी छात्रों के अभिभावकों को मैं यह कहना चाहूंगी धैर्य रखें क्योंकि सभी बच्चे अपनी तरफ से पूर्ण प्रयास करते हैं। यूपीएससी की कोचिंग करने वाले छात्रों को अपने मूल्यवान समय व्यर्थ नहीं करना चाहिए यूपीएससी निकालने के लिए इसमें पूर्ण रूप से लगना  होगा क्योंकि बिना लगे हुए सफलता मिलना अत्यंत मुश्किल हो जाता है।

अन्य प्रतियोगियों के लिए संदेश:

अदिति ने आकांक्षी उम्मीदवारों को संदेश दिया कि सफलता प्राप्त करने के लिए धैर्य, दृढ़ संकल्प और कठोर परिश्रम अत्यंत आवश्यक हैं।

उन्होंने कहा कि लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए, रणनीतिक योजना बनाकर अध्ययन करना और समय का सदुपयोग करना सफलता की कुंजी है।

उल्लेखनीय उपलब्धियां:

अदिति उत्तराखंड की पहली महिला हैं जिन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा में 250 रैंक से कम हासिल की है।

उन्होंने हिंदी साहित्य को अपनी वैकल्पिक भाषा के रूप में चुना था।

अदिति को सामाजिक कार्यों में गहरी रुचि है और वह अपने खाली समय में गरीब बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए स्वयंसेवा करती हैं।

निष्कर्ष:

अदिति तोमर की सफलता युवाओं के लिए प्रेरणा है। यह दर्शाता है कि कठिन परिश्रम, दृढ़ संकल्प और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ, कोई भी अपने सपनों को साकार कर सकता है।

इस कहानी से प्रेरणा लेकर हमें भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अथक प्रयास करने चाहिए।

संदीप उपाध्याय

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