काठगोदाम और हल्द्वानी रेलवे स्टेशनों की शंटिंग लाइनें, जो 2021 की आपदा और गौला नदी के कटाव से क्षतिग्रस्त हुई थीं, जल्द ही ग्रेविटी वॉल द्वारा सुरक्षित होंगी। यह यात्री सुविधाओं में सुधार और ट्रेन संचालन को सुगम बनाने में मदद करेगा।
ग्रेविटी वॉल निर्माण:
काठगोदाम स्टेशन में ग्रेविटी वॉल का 60% काम पूरा हो चुका है, और हल्द्वानी स्टेशन में काम जल्द ही शुरू होगा।
वन विभाग से अनुमति और आईटीआई रुड़की से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद हल्द्वानी में काम शुरू होगा।
बरसात से पहले दोनों स्टेशनों में ग्रेविटी वॉल बनकर तैयार हो जाएंगी।
शंटिंग लाइन बंद होने का प्रभाव:
शंटिंग लाइनें बंद होने से ट्रेनों की मरम्मत और धुलाई में देरी हो रही है।
18 कोच की ट्रेन को 6-6 कोच के तीन हिस्सों में भेजना पड़ रहा है।
ग्रेविटी वॉल के लाभ:
शंटिंग लाइनों को गौला नदी के कटाव से बचाएगा।
ट्रेनों की मरम्मत और धुलाई में लगने वाले समय को कम करेगा।
यात्री सुविधाओं और ट्रेन संचालन में सुधार करेगा।
निष्कर्ष:
काठगोदाम और हल्द्वानी रेलवे स्टेशनों में ग्रेविटी वॉल निर्माण यात्री सुविधाओं और ट्रेन संचालन में सुधार लाएगा। बरसात से पहले काम पूरा होने की उम्मीद है।
अतिरिक्त जानकारी:
काठगोदाम और हल्द्वानी उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन हैं।
ये स्टेशन उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ते हैं।
भारतीय रेल उत्तर-पूर्व रेलवे (एनईआर) के माध्यम से इन स्टेशनों का संचालन करती है।
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