गौरतलब है कि श्रीलंका में आर्थिक संकट काफी गहरा गया है जिसके बाद भीड़ ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया था. इस घटना के बाद गोटाबाया राजपक्षे अंडरग्राउंड हो गए थे. बाद में बताया गया कि गोटाबाया भागकर मालदीव पहुंच चुके हैं. लेकिन सियासी बवाल के चलते मालदीव में उन्हें शरण नहीं दी गई.
नई दिल्ली: श्रीलंका में राजनीति और आर्थिक संकट के बीच देश से फरार हुए गोटाबाया राजपक्षे ने अब आधिकारिक तौर पर राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है. बताया जा रहा है कि स्पीकर ने भी राजपक्षे का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. साथ ही स्पीकर ने ये भी ऐलान किया है कि इस्तीफा मंजूर होने के बाद अब 7 दिन के भीतर नए राष्ट्रपति की नियुक्ति कर दी जाएगी. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि श्रीलंका में हिंसक आन्दोलन के बीच स्पीकर का ये बयान काफी ज्यादा मायने रखता है, क्योंकि पिछले कई दिनों से हजारों प्रदर्शनकारी ने गोटाबाया के इस्तीफे और नए राष्ट्रपति की नियुक्ति की मांग कर रहे थे.

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बताया जा रहा है कि, कुछ देर मे श्रीलंका के स्पीकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के तमाम दलों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे. जिसके बाद आगे की रणनीति पर चर्चा होगी. फिलहाल राजनीतिक संकट और हिंसक प्रदर्शनों के बीच सबसे पहले प्रदर्शनकारियों को शांत कराने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए स्थानीय नेताओं को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है.
देश छोड़कर भागे गोटाबाया
गौरतलब है कि श्रीलंका में आर्थिक संकट काफी गहरा गया है जिसके बाद भीड़ ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया था. इस घटना के बाद गोटाबाया राजपक्षे अंडरग्राउंड हो गए थे. बाद में बताया गया कि गोटाबाया भागकर मालदीव पहुंच चुके हैं. लेकिन सियासी बवाल के चलते मालदीव में उन्हें शरण नहीं दी गई, जिसके बाद वो यहां से सिंगापुर रवाना हो गए. सिंगापुर पहुंचने के बाद उन्होंने ई-मेल के जरिए अपना इस्तीफा स्पीकर को भेज दिया. दिवालिया हो चुके देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण वह अपने खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच परिवार के साथ देश छोड़कर चले गए.

अध्यक्ष ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे नए नेता के निर्वाचित होने तक राष्ट्रपति का प्रभार संभालेंगे. उन्होंने जनता से निर्वाचन की प्रक्रिया में सभी सांसदों के भाग लेने के लिए शांतिपूर्ण माहौल बनाने का अनुरोध किया. यह प्रक्रिया सात दिन के भीतर पूरी करनी है. श्रीलंकाई संसद की बैठक शनिवार को होगी.
आधिकारिक तौर पर किया इन्तजार
अध्यक्ष के मीडिया सचिव इंदुनिल अभयवर्धने ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि अध्यक्ष को बृहस्पतिवार रात को सिंगापुर में श्रीलंकाई उच्चायोग के जरिए राजपक्षे का इस्तीफा पत्र मिल गया था, लेकिन वह सत्यापन प्रक्रिया और कानूनी औपचारिकताओं के बाद आधिकारिक घोषणा करना चाहते थे.
Edited By: Deshhit News