कांग्रेस पहले ही गोवा विधासभा के प्रतिपक्ष नेता माइकल लोबो को हटा चुकी है. गौरतलब है कि लोबो, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में चुनाव से ठीक पहले भाजपा से कांग्रेस में प्रवेश किया था, ने कहा है, किसी ने भी मुझसे संपर्क नहीं किया है.
गोवा: महाराष्ट्र के बाद अब उसके पड़ोसी राज्य गोवा में सियासी घमासान तेज हो गया है. कांग्रेस ने सोमवार यानि 11 जुलाई को गोवा विधानसभा के स्पीकर रमेश तावड़कर से अपने विधायकों माइकल लोबो और दिगंबर कामत को अयोग्य ठहराने की सिफारिश की है. कांग्रेस ने दोनों विधायकों पर विपक्षी दल में फूट लाने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा के साथ सांठगांठ करने का गंभीर आरोप लगाया है. गोवा में कांग्रेस ने उसके ग्यारह विधायकों में से दो जिसमें दिगंबर कामत और माइकल लोबो को दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित किए करने की मांग की है. पूर्व मुख्यमंत्री, कामत ने कहा कि वह हैरान और स्तब्ध थे, क्योंकि कांग्रेस के राज्य प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने उनपर और लोबो पर सत्तारूढ़ भाजपा के साथ मिलकर पार्टी को विभाजित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.
सूत्रों की ख़बरों की माने तो आज सुबह एक बैठक में कुछ विधयाकों की उपस्थिति का हवाला देते हुए कांग्रेस ने कहा कि अब भी उसके सात विधायक हैं. लोबो और कामत के अलावा, संपर्क में नहीं रहने वाले चार विधायक की वजह से केदार नाइक और लोबो की पत्नी दलीला लोबो की भी सदस्यता खतरे आ गई है. वहीं, इस संकट से निपटने के लिए पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के निर्देश पर वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक ने आज शाम विधायक दल की बैठक बुलाई है.

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माइकल लोबो ने दी सफाई
कांग्रेस पहले ही गोवा विधासभा के प्रतिपक्ष नेता माइकल लोबो को हटा चुकी है. गौरतलब है कि लोबो, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में चुनाव से ठीक पहले भाजपा से कांग्रेस में प्रवेश किया था, ने कहा है, किसी ने भी मुझसे संपर्क नहीं किया है और इस तरह दलबदल के बारे में मेरा कोई विचार नहीं है.
पार्टी विरोधी गतिविधि, पार्टी सदस्यता छोड़ने के बराबर
पाटकर ने दावा किया कि दोनों विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाएं दायर कर दी गई हैं क्योंकि उन्होंने स्वेच्छा से पार्टी की सदस्यता छोड़ दी है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला है जिसमें कहा गया है कि कोई भी पार्टी विरोधी गतिविधि करता हुआ पकड़ा जाता है तो वह पार्टी की सदस्यता छोड़ने के बराबर है. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस विधायक दल को विभाजित करने का भाजपा का कदम विफल हो गया क्योंकि वह दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों को आकर्षित किए बिना ऐसा करने के लिए वह विधायकों की आवश्यक संख्या नहीं जुटा सका.
माना जा रहा है कि गोवा में विपक्षी दल कांग्रेस ने रविवार को कहा था कि राज्य में उसके 11 में से पांच विधायकों से संपर्क टूट गया है और उसने अपने दो विधायकों माइकल लोबो और पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत पर भाजपा के साथ मिलकर पार्टी के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था. यह घटनाक्रम इन अटकलों के बीच सामने आई है जब 40 सदस्यीय सदन में कांग्रेस के कुछ विधायक भाजपा में शामिल हो सकते हैं. गोवा में यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब हाल में पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सत्तारूढ़ शिवसेना के कुछ विधायकों के बागी हो जाने के कारण महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई.
Edited By: Deshhit News