पीएम मोदी ने कहा कि अगर द्रौपदी मुर्मू चुनी जाती हैं तो वो आजाद भारत के इतिहास में पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी. साथ ही अगर वो चुनाव जीतती हैं तो प्रतिभा पाटिल के बाद देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनेंगी. अगर वो जीतती हैं तो ओडिशा राज्य से आने वाली पहली राष्ट्रपति होंगी.
नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार के नाम पर मंथन के लिए मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में भाजपा की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था, संसदीय बोर्ड की बैठक हुई. इस बैठक के बाद जेपी नड्डा ने ऐलान किया कि झारखंड की पूर्व गवर्नर द्रौपदी मुर्मू एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार होंगी. साथ ही नड्डा ने बताया कि संसदीय बोर्ड की बैठक में करीब 20 नामों पर चर्चा हुई और आदिवासी महिला नेता मुर्मू पर मुहर लगी. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित संसदीय बोर्ड के अन्य सदस्य मौजूद थे.
अगर द्रौपदी मुर्मू चुनी जाती हैं तो वो आजाद भारत के इतिहास में पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी. साथ ही अगर वो चुनाव जीतती हैं तो प्रतिभा पाटिल के बाद देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनेंगी. अगर वो जीतती हैं तो ओडिशा राज्य से आने वाली पहली राष्ट्रपति होंगी. द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला गवर्नर रही हैं. वो ओडिशा की पहली महिला और आदिवासी नेता रही हैं, जिन्हें किसी भारतीय राज्य में गवर्नर बनाया गया हो और जिसने अपना कार्यकाल पूरा किया हो.
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इस एलान के बाद पीएम मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर लिखा कि, लाखों लोग, विशेष रूप से वे जिन्होंने गरीबी का अनुभव किया है और कठिनाइयों का सामना किया है, द्रौपदी मुर्मू के जीवन से बड़ी ताकत हासिल करते हैं. नीतिगत मामलों की उनकी समझ और दयालु स्वभाव से हमारे देश को बहुत लाभ होगा.
अपने दल से राष्ट्रपति पद के नाम का एलान करने के बाद नड्डा ने विरोधी दलों पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि बीजेपी राष्ट्रपति का चयन सर्वसम्मति के आधार पर करना चाहती थी इसलिए पार्टी ने राजनाथ सिंह और अन्य सभी दलों के साथ बातचीत करने की जिम्मेदारी सौंपी थी. उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह और उन्होंने स्वयं कई दलों के नेताओं के साथ बात की लेकिन उम्मीदवार को लेकर कोई सर्वसम्मति नहीं बन पाई और आज यूपीए ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है. इसके बाद भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में यह तय हुआ कि हमें भी अपने सहयोगी दलों के साथ बातचीत कर अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर देनी चाहिए.
