डॉ.भारती प्रवीण ने एचआईवी/एड्स और टीबी जागरूकता अभियान के दूसरे चरण का किया शुभारंभ

12 Oct, 2021
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नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने आज नई दिल्ली में आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत एचआईवी/एड्स और टीबी के बारे में जागरूकता अभियान के दूसरे चरण का शुभारंभ किया। उन्होंने देश भर के छात्रों के साथ वर्चुअल माध्यम से बातचीत भी की और जब भारत स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, तो ऐसे में उन्हें राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया।

इस अभियान के शुभारंभ पर खुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “न्यू इंडिया@75 अभियान ने राज्यों को छात्रों, किशोरों, युवाओं और अन्य हितधारकों को राष्ट्रीय हित में एक साथ काम करने के लिए एक मंच प्रदान किया है। पहले चरण के शुभारंभ के बाद, मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि प्रत्येक राज्य के 25 स्कूलों और 25 कॉलेजों में एचआईवी/एड्स, टीबी और रक्तदान के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए चित्रकला, एका-एक वाद-विवाद प्रतियोगिता और मास्क बनाने जैसी सप्ताह भर की गतिविधियों का आयोजन किया गया।

डॉ. भारती प्रवीण पवार ने अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर 12 अगस्त को ‘रक्तदान को बढ़ावा देने और एचआईवी एड्स तथा टीबी के बारे में जागरूकता फैलाने के अभियान के पहले चरण’ के सफल शुभारंभ के लिए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) को बधाई दी। उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान देश भर में बड़ी संख्या में युवाओं तक पहुंचने के लिए नाको के काम की भी सराहना की। इस अवसर पर, उन्होंने चरण-1 के अंतर्गत आयोजित जागरूकता गतिविधियों की विविधता को प्रदर्शित करने के लिए नाको द्वारा विकसित एक ई-बुकलेट का भी विमोचन किया। यह पुस्तिका देश भर के अधिक छात्रों को भविष्य में होने वाली गतिविधियों में भाग लेने के लिए जोड़ने के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम करेगी।

देश भर के छात्रों के साथ वर्चुअल माध्यम से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, “मुझे दृढ़ता से लगता है कि ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ हमारे देश को एक महान राष्ट्र बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। हमारे गतिशील प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा ‘आत्मनिर्भर भारत, एक स्वाबलम्बी भारत’ की कल्पना को पूरा करने के लिए आपका योगदान सबसे महत्वपूर्ण है। हमारे माननीय प्रधानमंत्री ने ठीक ही कहा है कि “देश भर के भारतीय युवा खेल, रोबोटिक्स, मशीन-लर्निंग आदि जैसे कई क्षेत्रों में हमारे देश को गौरवान्वित कर रहे हैं और कई उत्पादों पर काम कर रहे हैं जिनमें वैश्विक स्तर पर ख्याति प्राप्त करने की क्षमता है।”

सामाजिक विकास के मुद्दों में युवाओं को भागीदारों और नेताओं के रूप में पूरी तरह से शामिल करके स्वास्थ्य लक्ष्यों को प्राप्त करने में अपना दृढ़ विश्वास व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “युवाओं को सामुदायिक स्वयंसेवकों के रूप में शामिल करने से एचआईवी/एड्स, तपेदिक, रक्तदान, कलंक और भेदभाव” के बारे में जागरूकता पैदा करने में काफी मदद मिलेगी। जीवन की प्रत्याशा, शिशु मृत्यु दर (आईएमआर), मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) आदि जैसे सभी स्वास्थ्य सूचकांकों में भारत के उल्लेखनीय सुधार पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम और राष्ट्रीय तपेदिक उन्मूलन कार्यक्रम जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों ने भारत के स्वास्थ्य सूचकांकों को सुधारने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव,राजेश भूषण, अतिरिक्त सचिव,आरती आहूजा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और नाको के महानिदेशक, आलोक सक्सेना, नाको की निदेशक, निधि केसरवानी, नाको के उप महानिदेशक, डॉ. अनूप कुमार पुरी, और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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