वीके सिंह ने कहा कि, अगर आपको यह भर्ती योजना पसंद नहीं है तो इसमें शामिल होने के लिए न आएं. आपको आने के लिए कौन कह रहा है? उन्होंने आगे कहा कि, आप बसों और ट्रेनों को जला रहे हैं. आपसे किसने कहा कि आपको सशस्त्र बलों में भर्ती किया जाएगा.
नई दिल्ली: अग्निपथ योजना को लेकर हिंसक प्रदर्शनों के बीच केंद्रीय मंत्री एवं सेना के पूर्व प्रमुख जनरल वी. के. सिंह ने प्रदर्शनकारियों की आलोचना करते हुए रविवार यानी 19 जून को मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर उन्हें सशस्त्र बलों में भर्ती की नई नीति पसंद नहीं आई है तो वे सशस्त्र बलों में शामिल न हों और इसके लिए आपको कोई बाध्य नहीं कर रहा है. महाराष्ट्र के नागपुर शहर में एक कार्यक्रम के इतर सिंह ने पत्रकारों से कहा कि भारतीय सेना जबरदस्ती किसी सैनिक को भर्ती नहीं करती है और इच्छुक आकांक्षी अपनी मर्जी से इसमें शामिल होते हैं.
उन्होंने कहा, अगर आपको यह भर्ती योजना पसंद नहीं है तो इसमें शामिल होने के लिए न आएं. आपको आने के लिए कौन कह रहा है? उन्होंने आगे कहा कि, आप बसों और ट्रेनों को जला रहे हैं. आपसे किसने कहा कि आपको सशस्त्र बलों में भर्ती किया जाएगा. पात्रता मानदंडों को पूरा करने पर ही आपका चयन किया जाएगा.
सिंह की टिप्पणियों के एक वीडियो को अपने सोशल अकाउंट पर टैग करते हुए, कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने कटाक्ष करते हुए कहा, “जो व्यक्ति अपनी सेवानिवृत्ति को स्थगित करने के लिए अदालत गया था, वह युवाओं को 23 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होने के लिए कह रहा है.
सिंह ने ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ पार्टी नेता प्रियंका गांधी के बयान पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि पुरानी पार्टी मोदी सरकार के सबसे अच्छे काम में भी दोष ढूंढ रही है. क्योंकि वह ईडी द्वारा राहुल गांधी की पूछताछ से परेशान है. दिल्ली में प्रियंका गांधी के बयान पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि ‘अग्निपथ’ योजना युवाओं के साथ-साथ सेना को भी नष्ट कर देगी, सिंह ने कहा, “कांग्रेस परेशान है क्योंकि राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पूछताछ कर रही है. इसलिए, पार्टी सरकार के सर्वोत्तम कार्यों में भी दोष ढूंढती है.
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सिंह ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अग्निपथ योजना की अवधारणा की कल्पना 1999 के युद्ध के बाद करगिल समिति के गठन के समय ही हो गई थी. उन्होंने आगे कहा कि भारत के युवाओं और अन्य नागरिकों के लिए अनिवार्य सैन्य प्रशिक्षण की मांग पिछले 30 से 40 वर्षों से की जा रही है. अतीत में कहा जाता था कि प्रशिक्षण एनसीसी के माध्यम से दिया जा सकता है लेकिन सैन्य प्रशिक्षण की मांग हमेशा से रही थी.
Edited By: Deshhit News