Doctor Archana sharma Suicide news : डॉक्टर अर्चना शर्मा सुसाइड केस के विरोध में डॉक्टर्स एसोसिएशन के करीब 200 सदस्यों ने मीटिंग की है। मीटिंग के बाद तय हुआ कि जेएमए में सभी लोग जुटेंगे। यहां अन्य डॉक्टर्स एसोसिएशन के सदस्य भी मौजूद हैं। जेएमए में जो सामूहिक निर्णय होगा उसका पालन किया जाएगा।
नई दिल्ली: राजस्थान के दौसा जिले में महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा की खुदकुशी के विरोध में आज यानी बुधवार को जयपुर के तमाम निजी अस्पताल बंद हैं। नर्सिंग होम एसोसिएशन ने यह फैसला लिया है। सेवारत डॉक्टरों नें भी दो घंटे कार्य बहिष्कार किया। हालांकि एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि अस्पतालों में जो पहले से मरीज भर्ती हैं उनके इलाज में कोई कमीं नहीं बरती जाएगी। सरकारी अस्पतालों में भी सुबह 9 बजे से 11 बजे तक ओपीडी मरीज नहीं देखे गए। मामले को तूल पकड़ता देख राजस्थान सरकार ने लेडी डॉक्टर सुसाइड मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने का निर्देश दिया है। संभागीय आयुक्त के नेतृत्व में टीम जांच करेगी।
क्या है मामला
राजस्थान के दौसा जिले में एक प्रसूता की मौत के बाद महिला डॉक्टर पर हत्या का केस दर्ज होने और उसकी ओर से सुसाइड करने के बाद एक मार्मिक चिट्ठी सामने आई है। लालसोट में तैनात लेडी डॉक्टर अर्चना शर्मा सुसाइड केस में सुसाइड नोट सामने आया है। इस मार्मिक चिट्ठी में जो कुछ लिखा है, शायद उससे समझना आसान है कि महिला डॉक्टर के लिए खुद की जान लेने का फैसला कितना मुश्किल रहा होगा। चिट्ठी में एक मां की चिंता और बेकसूर होने का दर्द सब कुछ है। सुसाइड नोट में घटना से पहले डॉक्टर अर्चना शर्मा ने लिखा कि “मैंने कोई गलती नहीं की है, किसी को नहीं मारा, पीपीएच एक कॉम्प्लिकेशन है, इसके लिए डॉक्टरो को प्रताड़ित करना बंद करो। सुसाइड नोट के अंत में उन्होंने लिखा ‘प्लीज मेरे बच्चे को मां की कमी महसूस नहीं होने देना’।
डॉक्टर का घर और अस्पताल की दूरी करीब 300 मीटर बताई जा रही है। घटनाक्रम के बाद पुलिस शव को लेकर मोर्चरी में पहुंची । साथ ही वहां मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया गया। इधर पुलिस ने मौके से एफएसएल और उनकी टीम को बुलाकर भी जुटाए हैं। पूरे घटनाक्रम के बाद मृतका डॉ अर्चना शर्मा के पति उपाध्याय ने लालसोट थाने में आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की एफ आई आर दर्ज कराई है जिसमें सोमवार को धरना प्रदर्शन करने वाले बीजेपी नेता बल्या जोशी और एक अखबार के पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।
डॉक्टरों को मिलना चाहिए प्रोटेक्शन
इस घटनाक्रम के बाद जेएमए, आईएमए समेत तमाम डॉक्टरों में रोष है। जयपुर के जेएमए में अलग-अलग संगठनों के डॉक्टर जुटे और आगे की रणनीति पर विचार करते देखे गए। यहां मौजूद डॉक्टर धनंजय ने बताया कि डॉक्टर अर्चना शर्मा सुसाइड केस के विरोध में डॉक्टर्स एसोसिएशन के करीब 200 सदस्यों ने मीटिंग की है। मीटिंग के बाद तय हुआ कि जेएमए में सभी लोग जुटेंगे। यहां अन्य डॉक्टर्स एसोसिएशन के सदस्य भी मौजूद हैं। जेएमए में जो सामूहिक निर्णय होगा उसका पालन किया जाएगा। इस तरह के मामलों को देखते हुए डॉक्टरों को प्रोटेक्शन मिलना चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
एसपी अनिल कुमार पर चले हत्या का मुकदमा
डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि इस मामले में कहना चाहूंगा कि समाज में जिनपर कानून लागू करने की जिम्मेवारी है, वह भी माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशों के पश्चात राज्य सरकारों की सार्थक इच्छा शक्ति की डॉक्टरों को एक निर्भीक वातावरण दिया जाए।
समझ सकते हैं डॉक्टर अर्चना का मेंटल स्ट्रेस कितना रहा होगा
जेएमए में मौजूद डॉक्टर राकेश ने बताया कि केवल कार्रवाई से बात नहीं बनेगी। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को सुरक्षा नहीं मिलना सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवेहलना है। इस संदर्भ में एक लेटर बनाकर चीफ जस्टिस ऑफ हाई कोर्ट और रजिस्ट्रार को दिया जाएगा। अगर आपने सुसाइड करने वाली महिला डॉक्टर का सुसाइड नोट पढ़ा होगा, उसमें उन्होंने लिखा है कि वह अपने बच्चों से बहुत प्यार करती हैं। किसी भी महिला के सामने बच्चों का नाम आते ही वह पीछे हट जाती हैं, लेकिन डॉक्टर अर्चना ने इसके बाद भी सुसाइड किया है, इससे समझा जा सकता है कि उनको मेंटल स्ट्रेस कितना रहा होगा।