दिल्ली सरकार का एलान: सभी “स्पेशलाइज्ड स्कूल ऑफ एक्सीलेंस” अब डॉ. बी.आर अम्बेडकर के नाम से जाने जायेंगे

14 Apr, 2022
Sachin
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मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि हम बाबा साहब का सपना पूरा करना चाहते हैं. जब से हमने राजनीतिक गलियारे में शिक्षा की बहस को लाये है तब से तमाम राजनीतिक दलों के बीच में स्कूलों को लेकर बहस होने लगी है. यह हमारे देश के लिए बहुत ही सकारात्मक बदलाव है.

नई दिल्ली: बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर आज दिल्ली सरकार ने स्पेशलाइज्ड स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का नाम बदलकर डॉ. बी.आर अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस रख दिया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि, अब दिल्ली के 30 सबसे शानदार स्कूल स्पेशलाइज्ड स्कूल ऑफ एक्सीलेंस’ को अब ”भीमराव आंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस” के नाम से जाना जाएगा.

सीएम केजरीवाल ने कहा कि आज से “स्पेशलाइज्ड स्कूल ऑफ एक्सीलेंस” अब डॉ. बी.आर अम्बेडकर के नाम से जाने जायेंगे

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केजरीवाल ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए डॉ. अम्बेडकर की मेहनत और उनकी कुशलता पर कहा कि मैं कई बार सोचकर हैरान रह जाता हूं कि उस वक्त में वह कैसे विदेश जाकर दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़े. कैसे उन्हें उन संस्थानों के बारे में पता चला होगा. मेरे ख्याल से वह 20वीं सदी  सबसे महान बौद्धिक और नेता रहे हैं.

आज बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर की 131 वीं जयंती है, इस अवसर पर दिल्ली सरकार ने स्कूल को लेकर बड़ा एलान किया है

वहीं दूसरी ओर दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इन स्कूलों का हर पैमाना बाबा साहब के विजन पर आधारित है. जब भी इन स्कूलों का रिव्यू होता है तो हमारी अपनी हर एक कोशिश बाबा साहब के विजन को पूरा करने में होती हैं. अगर वो उस पैमाने पर खरा नहीं उतरता तो हम उसके लिए और मेहनत करते हैं.

दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया

केजरीवाल ने बाबा साहब पर क्या बोला?

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि हम बाबा साहब का सपना पूरा करना चाहते हैं. जब से हमने राजनीति के गलियारे में शिक्षा की बहस को लाये है तब से तमाम राजनीतिक दलों के बीच में स्कूलों को लेकर बहस होने लगी है. यह हमारे देश के लिए बहुत ही सकारात्मक बदलाव है. हमारे सत्ता में आने से पहले कहा जाता था कि ऐसा नियम बना दिया जाए कि सभी नेताओं और सरकारी बाबुओं के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ें तो स्कूल अपने आप ही ठीक हो जाएंगे. लेकिन हमने कहा नहीं, हम दूसरा मॉडल ले आए है. हमने सरकारी स्कूल ही ऐसे बना दिए कि हर कोई वहां आकर पढ़ना चाहता है. अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अमीर और गरीब सबके बच्चे एक साथ पढ़ते हैं, यही तो था बाबा साहब का सपना. जहाँ एक मंत्री और चपरासी का बच्चा एक ही स्कूल में पढ़ें.

केजरीवाल ने कहा, हम चाहते हैं कि ऐसे ही देश में शिक्षा और स्वास्थ्य पर राजनीति हो ताकि देश के हर कोने में बच्चों को अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य मिले, जिससे देश प्रगति के रास्ते पर और तेजी से बढ़े.

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