पंजाब में 100 से अधिक फार्मा इकाइयों पर संशोधित जीएमपी का खतरा

12 Apr, 2024
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पंजाब में, 100 से अधिक दवा निर्माता, जो सभी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) सेक्टर का हिस्सा हैं, वे सरकार द्वारा निर्धारित संशोधित डब्ल्यूएचओ-अच्छी विनिर्माण प्रथाओं (जीएमपी) का पालन करने में विफल रहने के कारण अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहे हैं। यह फॉर्मूलेशन दवाएं बनाने वाली इकाइयां मुख्य रूप से लुधियाना, मोहाली और अमृतसर में स्थित हैं।

समस्या का सार:

केंद्र सरकार ने पूरे भारत में सभी फार्मा इकाइयों को दिसंबर तक संशोधित जीएमपी लागू करने का निर्देश दिया है। बड़ी फॉर्मूलेशन इकाइयों और थोक दवा निर्माता खुद को अपग्रेड करने में सफल रहे हैं, लेकिन छोटी इकाइयों का कहना है कि उनके पास ऐसा करने के लिए वित्तीय संसाधन नहीं हैं।

प्रभाव:

इस स्थिति का न केवल इन इकाइयों में काम करने वाले लोगों की रोजगार पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है, बल्कि यह दवाओं की उपलब्धता और कीमतों को भी प्रभावित कर सकता है।

निष्कर्ष और समाधान:

यह आवश्यक है कि सरकार इस मुद्दे पर तुरंत ध्यान दे और छोटी फार्मा इकाइयों को वित्तीय सहायता प्रदान करने पर विचार करे ताकि वे संशोधित जीएमपी मानकों का अनुपालन कर सकें।

अतिरिक्त विश्लेषण:

  • वित्तीय बाधाएं: छोटी इकाइयों के लिए संशोधित जीएमपी मानकों का अनुपालन करना एक महंगा काम है। 3 करोड़ रुपये से 10 करोड़ रुपये तक की लागत के साथ, यह उनके सीमित संसाधनों से परे है।
  • समय सीमा का दबाव: दिसंबर तक की कठोर समय सीमा छोटी इकाइयों को आवश्यक बदलाव करने के लिए पर्याप्त समय नहीं देती है।
  • नियामक अनिश्चितता: संशोधित जीएमपी मानकों के कार्यान्वयन को लेकर कुछ अनिश्चितताएं हैं, जिससे छोटी इकाइयों के लिए योजना बनाना और निवेश करना मुश्किल हो जाता है।

सुझाव:

  • सरकार को छोटी फार्मा इकाइयों के लिए वित्तीय सहायता पैकेज प्रदान करना चाहिए।
  • समय सीमा को आगे बढ़ाया जाना चाहिए ताकि इकाइयों को अनुपालन के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
  • नियामक अधिकारियों को स्पष्टीकरण और मार्गदर्शन प्रदान करना चाहिए ताकि अनिश्चितता को कम किया जा सके।

निष्कर्ष:

यह एक गंभीर मुद्दा है जिसके लिए तत्काल समाधान की आवश्यकता है। सरकार, उद्योग और अन्य हितधारकों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छोटी फार्मा इकाइयां इस चुनौतीपूर्ण समय में टिकी रह सकें और फल-फूल सकें।

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